SBI ग्राहकों को बड़ा झटका, फिर बढ़ गई लोन की EMI, बैंक ने MCLR दरों में किया इतने का इजाफा.. पढ़िए

नई दिल्लीः देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने ग्राहकों को एक बार फिर बड़ा झटका दिया है। दरअसल, एसबीआई ने एमसीएलआर यानि मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लैंडिग रेट में बढ़ोत्तरी कर दी है। बैंक के इस फैसले के बाद अब ग्राहकों को ईएमआई में वृद्धि हो जाएगी। नई दरें 15 मई यानी रविवार से ही लागू हो गई हैं।



 

एसबीआई की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार नई MCLR दरें 15 मई से लागू हो गई हैं। इस संशोधन के बाद एक साल की MCLR 7.10 फीसदी से बढ़कर 7.20 फीसदी हो गई है। ज्यादातर कर्ज एक साल की एमसीएलआर दर से जुड़े होते हैं। एक रात, एक महीने और तीन महीने की एमसीएलआर 0.10 प्रतिशत बढ़कर 6.85 फीसदी हो गई, जबकि छह महीने की एमसीएलआर बढ़कर 7.15 फीसदी हो गई। वहीं, दो साल की MCLR 0.1 फीसदी बढ़कर 7.40 फीसदी हो गई, जबकि तीन साल की एमसीएलआर बढ़कर 7.50 फीसदी हो गई।

इसे भी पढ़े -  Dabhara News : बिहार में NDA की ऐतिहासिक जीत, नगर पंचायत डभरा में अध्यक्ष दीपक साहू के द्वारा बांटी गई मिठाई, भाजपा कार्यकर्ताओं ने जमकर की आतिशबाजी

 

लोन हो जाएगा महंगा
एमसीएलआर में वृद्धि से ग्राहकों द्वारा लिए गए लोन की मासिक ईएमआई में वृद्धि देखने को मिलेगी। साथ ही नए ग्राहकों के लिए भी लोन महंगा हो जाएगा। बैंक का यह फैसला आरबीआई द्वारा रेपो रेट बढ़ाए जाने के बाद आया है। आरबीआई ने 40 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी की थी। गौरतलब है कि आरबीआई आगे भी ब्याज दरों में वृद्धि कर सकती है जिससे बैंकों से लोन लेना और महंगा हो जाएगा। बता दें कि एसबीआई द्वारा बांटे गए लोन्स में सबसे अधिक हिस्सा (53.1 फीसदी) एमसीएलआर संबंधी लोन का ही है। हाल ही में बैंक ने 2 करोड़ रुपये की एफडी पर ब्याज दर में 40-90 बेसिस पॉइंट बढ़ाए थे।

इसे भी पढ़े -  Malkharouda News : सद्भावना भवन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका व बाल दिवस के अवसर पर सम्मान समारोह आयोजित, जनपद पंचायत अध्यक्ष कवि वर्मा, उपाध्यक्ष रितेश साहू सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी रहे मौजूद

 

जानिए आखिर क्या है एमसीएलआर
मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिग रेट किसी भी वित्तीय संस्थान का अंदरुनी बेंचमार्क या रेफरेंस रेट होता है। यह किसी भी लोन की न्यूनतम ब्याज दर तय करने को परिभाषित करता है। एमसीएलआर को आरबीआई ने भारतीय वित्तीय प्रणाली में 2016 में शामिल किया था। इससे पहले 2010 में लागू किए गए बेस रेट सिस्टम के तहत ब्याज तय किया जाता था। इसे एमसीएलआर के लागू होने के साथ बंद कर दिया गया।

इसे भी पढ़े -  Jaijaipur News : हसौद के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय में सरस्वती योजना के तहत बालिकाओं को दी गई सायकिल, मुख्य अतिथि के रूप जिला पंचायत सदस्य सुशीला सिन्हा हुई शामिल, छात्र-छात्राओं के द्वारा विभिन्न व्यंजनों का लगाया गया स्टॉल

error: Content is protected !!