वर्कफ्रॉम होम में घंटों मोबाइल और लेपटॉप के साथ वक्त को गुजारना लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। लम्बे समस तक आंखों को एक ही जगह बिना मूव किए रखने से आंखों में ड्राई आई सिंड्रोम की परेशानी होने लगी है। आंखों में होने वाली इस बीमारी के कई कारण हैं।
जैसे मोबाइल या कंप्यूटर पर घंटों काम करते रहना, ज्यादा समय एयर कंडीशनर में बैठे रहना, ज्यादा समय तक आंखों को वॉश नहीं करना,लगातार कॉन्टैक्ट लेंस पहनना, प्रदूषण में रहना, कुछ दवाईयों का सेवन करना, आंसू बनने वाले ग्लैंड्स नहीं होना, बॉडी में विटामिन A की कमी होना या फिर आंखों की सर्जरी कराने की वजह से भी आंखों में ये परेशानी हो सकती है।
हार्मोन परिवर्तन, ऑटोइम्यून रोग, सूजन, एलर्जी और नेत्र रोगों की वजह से भी ये बीमारी हो सकती है।
ड्राई आई सिंड्रोम क्या है: ड्राई आई सिंड्रोम आंखों में होने वाली ऐसी परेशानी है जिसकी वजह से आंखों को पर्याप्त नमी नहीं मिल पाती। आंखों में ड्राईनेस होने की वजह से आंखें सूखने लगती हैं और आंखों में खुजली होने लगती है। आंखों में पर्याप्त आंसू नहीं बनना आंखों की परेशानी को बढ़ा सकता है।
ड्राई आई सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं: आंखो में जलन होना और आंखों से पानी आना, आंखों में लाली और खुजली महसूस होना, आंखों से धुंधला दिखाई देना, रोशनी में आंख खुलने में दिक्कत होना और आंखों में थकान होना शामिल है।
ड्राई आई सिंड्रोम का उपचार:
अपनी आंखों को गर्म और ठंडी हवा से बचाएं। हेयर ड्रायर, कार हीटर, एयर कंडीशनर या पंखे को अपनी आंखों के आगे नहीं लाएं।
रैपराउंड सनग्लासेस या कोई और आईवियर पहनें।
लंबे काम के दौरान आंखों को ब्रेक दें। अगर आप पढ़ रहे हैं या फिर कम्प्यूटर पर काम कर रहे हैं तो समय-समय पर आई ब्रेक लें।
कुछ मिनट के लिए अपनी आंखें बंद कर लें। या कुछ सेकंड के लिए बार-बार पलकें झपकाएं ताकि आपके आंसू आपकी आंखों पर समान रूप से फैल सकें।
शुष्क इलाकों में जाने से बचें। ज्यादा ऊंचाई पर या फिर रेगिस्तानी इलाकों की हवा आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है।
काम के दौरान कुछ मिनटों के लिए अपनी आंखें बंद करें आपको आराम मिलेगा।
जितना हो सके दिन में ठंडे पानी से आंखों को वॉश करें।