भारत सरकार लोगों के लिए ढेर सारी योजना चला रही है। इन में जो सबसे बड़ी और अहम योजना है वह मुफ्त राशन की योजना है जिसके तहत देश के सभी गरीब परिवारों को मुफ्त में राशन मिलता है।
इस योजना का लाभ लेने के लिए लोगों को सरकार द्वारा राशन कार्ड दिया जाता है जिससे वह सरकारी राशन दुकानों से राशन लेते हैं।
इस योजना के तहत राशन कार्ड में परिवारों के जितने भी सदस्यों का नाम दर्ज है केवल उन्ही को राशन दिया जाता बाकियों को नहीं। कुछ दस्तावेजों की कमी भी यदि रहती है तो राशन लेने में समस्या होती है।
किसका बनता है राशन कार्ड ?
जो कोई भी व्यक्ति जो भारत का वास्तविक नागरिक है और गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करता है वह राशन कार्ड का हकदार है। जो व्यक्ति 18 साल से कम उम्र का है यानि की नाबालिग है उसको माता पिता के कार्ड में ही शामिल किया जाता है।
जो भी व्यक्ति 18 साल से ज्यादा उम्र का है वह राशन कार्ड के लिए अलग से आवेदन कर सकता है। हर राज्य सरकार लोगों के लिए राशन कार्ड बनाती है। वहीं उत्तर प्रदेश में उपयुक्त राज्य के सभी निवासियों के पास राशन कार्ड होना चाहिए जो कि खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा वितरित किया जाता है।
राशन कार्ड जारी करने का उद्देश्य लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) को लागू करना है जो अपने नागरिकों को अत्यधिक रियायती कीमतों पर चावल, गेहूं, चीनी, मिट्टी के तेल, उर्वरक, एलपीजी आदि जैसी आवश्यक वस्तुएं प्रदान करता है।
ये दस्तावेज हैं जरुरी
उत्तर प्रदेश में राशन कार्ड हासिल करने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेजों का होना भी जरूरी है। इन दस्तावेजों को पहचान प्रमाण के रूप में जमा करवाना होता है। इनमें मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड, पासपोर्ट, परिवार के सदस्य की पासपोर्ट साइज फोटो या बैंक पासपोर्ट शामिल है। इनमें से कोई भी पहचान का प्रमाण नहीं है तो राशन कार्ड नहीं बनेगा और न ही राशन कार्ड में किसी भी सदस्य का नाम जुड़ेगा। ऐसे में राशन लेने से भी वंचित रह जाएंगे। अगर कम कीमत पर राशन चाहिए तो इन दस्तावेजों का पहचान प्रमाण के रूप में होना काफी जरूरी है।