नई दिल्लीः भर में इन दिनों न्यू वेज कोड को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही है। अलग-अलग रिपोर्ट्स में अलग-अलग तरह के दावें किए जा रहे हैं। इसी बीच एक बड़ी और अहम अपडेट सामने आई है।
वहीं लोक सभा में श्रम राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने न्यू वेज कोड लागू करने कर अपना जवाब पेश किया है। राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने बताया है कि कई राज्यों ने अपने ड्राफ्ट पेश कर दी हैं। चार लेबर कोड पर राज्यों ने आपका पक्ष रख दिया है।
दरअसल, श्रम एवं रोजगार कल्याण मंत्रालय ने 4 श्रम संहिताओं के तहत नियमों को अंतिम रूप दे दिया है। 4 लेबर कोड्स में वेतन/मजदूरी संहिता, औद्योगिक संबंधों पर संहिता, काम विशेष से जुड़ी सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यस्थल की दशाओं पर संहिता और सामाजिक व व्यावसायिक सुरक्षा संहिता शामिल हैं।
इन चारों संहिताओं को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद अधिसूचित किया जा चुका है लेकिन इन्हें अमल में लाने के लिए नियमों को भी अधिसूचित किए जाने की जरूरत है। आइये जानते हैं किन राज्यों ने किस कोड पर सहमती जताई है। उम्मीद है इस साल अक्टूबर तक न्यू वेज कोड लागू हो जाएगा।
1. वेतन/मजदूरी संहिता : उत्तरप्रदेश, गुजरात, गोवा समेत कुल 31 राज्यों ने इस पर अपनी सहमती दी है।
2. सामाजिक व व्यावसायिक सुरक्षा संहिता : गुजरात, हरियाणा , मध्यप्रदेश समेत कुल 25 राज्यों ने इस पर सहमती दी है।
3.औद्योगिक संबंधों पर संहिता : bihar, गुजरात,हरियाणा समेत 26 लोगों ने इसे स्वीकारा है।
4.स्वास्थ्य एवं कार्यस्थल की दशाओं (OSH) पर संहित : bihar,असं, गोवा गुजरात समेत कुल 24 राज्यों ने इस कोड पर सहमती की है।
एक साथ लागू करना चाहता है मंत्रालय
चार वृहद श्रम संहिताओं में से वेतन/मजदूरी संहिता को संसद से 2019 में मंजूरी मिली थी, बाकी तीन संहिताओं को संसद के दोनों सदनों से 2020 में मंजूरी मिली। श्रम मंत्रालय चारों संहिताओं को एक साथ लागू करना चाहता है।
वेज कोड एक्ट, 2019 के मुताबिक, किसी कर्मचारी का मूल वेतन (Basic Salary) कंपनी की लागत (CTC) का 50 परसेंट से कम नहीं हो सकता है। अभी कई कंपनियां बेसिक सैलरी को काफी कम करके ऊपर से भत्ते ज्यादा देती हैं ताकि कंपनी पर बोझ कम पड़े
आइये जानते हैं इसके प्रावधानों के बारे में। वेज कोड एक्ट (Wage Code Act), 2019 के लागू होते ही कर्मचारियों का सैलरी स्ट्रक्चर पूरी तरह बदल जाएगा।
कर्मचारियों की ‘(Take Home Salary’ घट जाएगी, क्योंकि Basic Pay बढ़ने से कर्मचारियों PF ज्यादा कटेगा यानी उनका भविष्य ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा। पीएफ के साथ साथ ग्रैच्युटी में भी योगदान बढ़ जाएगा। यानी टेक होम सैलरी जरूर घटेगी लेकिन कर्मचारी को रिटायरमेंट पर ज्यादा रकम मिलेगी।