JanjgirChampa News : पशु पक्षियों के साथ बीता श्याम का पूरी जिंदगी, पशु पक्षियों के साथ ही बैठकर भोजन करते हैं श्याम, बचपन से ही खेती, मुर्गीपालन और बकरी पालन में रहा रूचि

जांजगीर-चाम्पा. क़ृषि प्रधान जिले के बलौदा ब्लॉक अंतर्गत जाटा पंचायत के आश्रित ग्राम बहेराडीह के 55 वर्षीय किसान श्याम कंवर, जो कि बचपन से ही खेती किसानी के साथ मुर्गी और बकरी पालन के कारोबार कर रहे हैं। वे इस समय गाँव से करीब दो किलोमीटर दूर स्थित गौठान में रहते हैं, जहां बिहान के जय भुवनेश्वरी महिला स्व सहायता समूह द्वारा संचालित मुर्गी और बकरी पालन के कारोबार को संभाल रहे हैं।



श्याम कंवर सिर्फ अपने लिए ही भोजन नहीं बनाते, बल्कि अपने साथ सबके लिए भोजन पकाते हैं और आपस में एक साथ जमीन पर बैठकर भोजन भी करते हैं। श्याम कंवर पशु पक्षियों के साथ रहना, सोना, खाना पीना ये उनके दिनचर्या बचपन से देखी जा रहीं हैं।
पक्षी गिनीफाल, मुर्गी, बतख और बकरियों के साथ उनके इस तरह के पारिवारिक प्रेम से प्रभावित होकर भारत के किसानों के हित में काम कर रहे ‘वरिष्ठ  पत्रकार स्व. कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल बहेराडीह’ के संचालक व छत्तीसगढ़ आरसेटी के क़ृषि उद्यमी के मास्टर ट्रेनर युवा दीनदयाल यादव भी मिलकर अब उनके साथ उनका और खुद का अपना अनुभव शेयर करते हुए एक साथ काम कर रहे हैं।

… ट्रेनिंग सेंटर बना बहेराडीह का मॉडल गौठान
जिला प्रशासन और सामाजिक संस्था रेस्टोरेंशन फाउंडेशन के सहयोग से बलौदा जनपद उपाध्यक्ष नम्रता राघवेंद्र नामदेव के गोद ग्राम बहेराडीह का मॉडल गौठान इस समय प्रदेश के कई जिलों के किसानों और बिहान के महिला स्व सहायता समूह के महिलाओ के लिए ट्रेनिंग सेंटर के रूप में काम आ रहा है। यहां पर इस समय गौठान प्रबंधन समिति के सदस्य व कृषक संगवारी युवा दीनदयाल यादव के द्वारा महिलाओ और किसानों, युवाओ को मुर्गी, बकरी, मछली, बतख, सूअर, बटेर, जैविक खाद, जैविक क़ृषि, सब्जी खेती नर्सरी प्रबंधन, डेयरी, मशरूम, जैविक किटनाशक दवाई, अचार, पापड़, मसाला पावडर बनाने का निःशुल्क प्रशिक्षण भी देने लगे हैं। महिलाओ को इस तरह की आजीविका मिशन में जोड़ने की पहल में गाँव की महिला सरपंच अनिता सपन मिरी के टीम का महत्वपूर्ण भूमिका देखी जा रहीं हैं।

 

अरी ओ… रामबाई की आवाज सुनते ही एकत्रित हो जाती सभी

किसान श्याम बताते हैं कि दिन की भांति रात्रि 9 बजे तक गौठान में बिजली की प्रकाश पर खुले मैदान में बकरी और मुर्गी, बतख, हरा चारा और कीड़े मकोड़े, तितलियाँ को खाती है। ज़ब शेड के भीतर ले जाना पड़ता है। तो मुझे अरी ओ… रामबाई की आवाज लगाना पड़ता है। ये आवाज सुनते ही सभी एक साथ एकत्रित हो जाते हैं।

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