छत्तीसगढ़ की 40 सीटों में नए चेहरे उतारेगी भाजपा, खतरे में मौजूदा विधायकों की टिकट, मिशन 2023 में क्या है भाजपा की प्लानिंग… जानिए…

रायपुर. 15 साल तक छत्तीसगढ़ की सत्ता में रहने के बाद भाजपा पिछले लगभग साढ़े चार साल से सूखा काट रही है, लेकिन इन पिछले साढ़े चार साल में कांग्रेस अपने आपको इतना मजबूत कर लिया है कि भाजपा को वापसी के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी. बात भाजपा की करें तो वर्तमान में भाजपा के पास 16 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास विधायकों की पूरी फौज है, वहीं अगर छत्तीसगढ़ में सत्ता का रास्त जहां से होकर गुजरता है, उस बस्तर की बात करें तो वहां भाजपा के पास कोई भी विधायक नहीं है. ऐसे में सत्ता में वापसी का रस्ता तलाश रही भाजपा के प्रभारी ओम माथूर लगातार छत्तीसगढ़ के दौरे पर आ रहे हैं. ओम माथुर लगातार प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों का दौरा कर बिखरी हुई भाजपा को समेटने की कवायद में लगे हुए हैं.



इसे भी पढ़े -  JanjgirChampa Big News : जेल से लौटकर आए बाप-बेटे ने सेमरा गांव में दुकान में घुसकर दुकानदार की पिटाई की, CCTV में कैद हुई घटना, पुलिस ने दोनों आरोपी को हिरासत में लिया... पुलिस ने 2 दिन पहले निकाला था जुलूस...

प्रदेश प्रभारी ओम माथुर अलग-अलग विधानसभा सीट पर जाकर भाजपा नेताओं की बैठक कर रहे हैं और उन्हें आगामी चुनाव के तैयार करने में जुटे हुए हैं हाल ही में ओम माथुर ने ये कहा था कि भाजपा, 40 सीटों पर नए उम्मीदवार उतारे जा सकती है. जो जीतेगा, उसे ही चुनाव मैदान में उतारा जाएगा. वैसे गुजरात और यूपी की तरह यहां भी 40 प्रतिशत सीटों पर बदलाव होना तय है.

प्रदेश प्रभारी के इस बयान के बाद से सियासी गलियारों में खलबली मची हुई और खलबली जायज भी है, क्योंकि जिन 40 सीटों पर विधायकों की टिकट कटने की बात की जा रही है. उनमें कई ऐसी सीटें भी हैं, जिसमें भाजपा के कई दिग्गज विधायक भी हैं. यानि जो विधायक साल 2018 में चुनाव जीतकर आए हैं, उनका भी टिकट कट सकता है.

इसे भी पढ़े -  Sakti Constable Suspend : आरक्षक को SP अंकिता शर्मा ने निलंबित किया, ...इस वजह से आरक्षक पर बड़ी कार्रवाई, देखिए आदेश...

दूसरी ओर भाजपा बस्तर और आदिवासी क्षेत्रों में लगातार काम कर रही है. इसकी एक वजह ये भी है कि छत्तीसगढ़ की आदिवासी सीटों में भाजपा का एक भी विधायक नहीं है. अब अगर सत्ता में वापसी चाहिए तो आदिवासी क्षेत्रों में तो मेहनत करनी ही पड़ेगी. खासकर, वहां जहां से छत्तीसगढ़ की सत्ता का रास्ता तय होता है यानि बस्तर. 2018 के चुनाव पर गौर करें तो भाजपा बस्तर में महज एक सीट ही जीत पाई थी, लेकिन उपचुनाव में उसे भी गवां बैठी. ऐसे में ये कहना कतई गलत नहीं होगा कि यहां कांग्रेस की स्थिति मजबूत है और भाजपा को ताबड़तोड़ मेहनत की जरूरत है.

इसे भी पढ़े -  JanjgirChampa Big News : अकलतरा में फिर चाकूबाजी, JSW पॉवर प्लांट में कार्यरत व्यक्ति पर हमला, बदमाशों का पता लगाने CCTV खंगाल रही पुलिस

error: Content is protected !!