भोपाल. मध्य प्रदेश में सरकार की तरफ से जरूरतमंद लोगों को इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड के तहत ईलाज की सुविधा दी जाती है, लेकिन अब आयुष्मान कार्ड धारकों की परेशानी बढ़ने जा रही है.
दरअसल, डॉक्टरों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बकाया न मिलने के कारण मध्य प्रदेश में 15 अप्रैल से प्राइवेट हॉस्पिटल आयुष्मान कार्ड पर लोगों का इलाज नहीं करेंगे। योजना के तहत 30 दिन में भुगतान नहीं होने पर यूनाइटेड प्राइवेट हॉस्पिटल्स डायरेक्टर्स एसोसिएशन ने यह ऐलान किया है।
यूनाइटेड प्राइवेट हॉस्पिटल्स डायरेक्टर्स एसोसिएशन ने कहा कि 1 साल से ज्यादा समय होने के बावजूद एमपी में भुगतान नहीं हो पा रहा है। जबकि उत्तरप्रदेश में जल्द भुगतान हो जाता है। एमपी में 1 साल से अधिक का समय लग रहा है। वेंडर्स भी उधार नहीं दे रहे, मार्केट में कर्जा हो गया है। बायो ऑथेंटिकेशन की समस्या भी खड़ी हो रही है। बता दें कि एमपी में 622 हॉस्पिटल में आयुष्मान योजना के तहत इलाज किए जाते हैं। फ्रॉड के मामले में 3 हॉस्पिटल के खिलाफ एफआईआर हुई है। केस न्यायालय में है। ऑडिट को लेकर भी समस्या खड़ी हुई है। पिछले 9 महीने से आयुष्मान का मामला फंसा हुआ है।
ये है डॉक्टरों की मांग
– 31 मार्च तक का भुगतान हमें शीघ्र किया जाए।
– शासन के पोर्टल पर कार्ड बन रहे हैं और बाद में फर्जी करार कर शासन रोक रही रकम को दिया जाए।
– आयुष्मान की योजना समिति में हमारा प्रतिनिधित्व दिया जाए।