Five daughters of Rajasthan gave shoulder to mother’s bier: बेटा ही अपनी माता या पिता की चिता को मुखाग्नि देता है, यह बात अब गुजरे जमाने की हो चुकी है. इस बीच राजस्थान की पांच बेटियों ने बेटे का फर्ज निभाते हुए अपनी माता का अंतिम संस्कार किया. बेटियां पिता की अंतिम यात्रा में श्मशान घाट तक साथ गईं और मां की अर्थी को कंधा भी दिया. इन बेटियों ने सभी रीति रिवाज के साथ मां की चिता को मुखाग्नि दी.
नासिक में हुई मौत
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक इन बेटियों की मां सीता देवी, रामेश्वरम यात्रा पूरी करके वापस लौट रही थीं. जिनकी अचानक तबीयत बिगड़ी और महाराष्ट्र के नासिक जिले में उन्होंने दम तोड़ दिया. उनकी पार्थिव देह को राजस्थान के आसींद पहुंची थी. इसके बाद बड़ी पुत्री कुसुमलता, अंजना, सुलोचना, वंदना और कल्पना ने अपनी मां को कंधा देकर मुखाग्नि दी. सीता देवी के केवल पुत्रियां ही होने के नाते अपनी माता को कंधा एवं मुखाग्नि देकर बेटे का धर्म निभाया.
परिजनों ने बताया कि उनका परिवार आसिंद में रहता है. उनकी 60 वर्षीय रिश्तेदार सीता देवी, अपने रिटायर्ड टीचर पति सत्यनारायण शर्मा और बेटी के साथ धार्मिक यात्रा पर गई थी. करीब 1 महीने का तीर्थाटन पूरा करने के बाद वापस लौटते समय बीते गुरुवार को उनकी तबीयत बिगड़ गई और महाराष्ट्र के नासिक जिले में उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली.
वक्त के साथ समाज की सोच भी बदल रही है. इसलिए बेटियां पिता की अर्थी को कंधा देने के साथ ही मुखाग्नि दे रही हैं. ऐसा ही नजारा राजस्थान में देखने को मिला है.