जांजगीर-चाम्पा. हमारे देश से विलुप्त हो रही विलुप्त चीजों को सहेजने में छत्तीसगढ़ के किसान आगे आगे आ रहे हैं। आज कोरबा बालको और सिवनी चांपा के किसानों ने देश के पहले वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल बहेराडीह पहुंचकर 25 प्रकार की विलुप्त पुरानी चीजों को धरोहर संग्रहालय में अपने नाम पर दान किया है।किसान स्कूल के संचालक दीनदयाल यादव ने बताया कि हमारे देश में कई दशक पूर्व क़ृषि क्षेत्र में उपयोग किये जाने वाले अनेक प्रकार के औजारों, व अन्य चीजों संरक्षण और संवर्धन की दिशा में किसान स्कूल बहेराडीह में एक जगह सुरक्षित रखने संग्रहालय बनाया गया है, जिसे ‘धरोहर’ का नाम दिया गया है। आज कोरबा जिले के बालको निवासी भूतपूर्व सैनिक मकसूदन प्रसाद तिवारी ने मिट्टी तेल से जलने वाली चारों तरफ बाती के चूल्हा अपने नाम से दान किया है, वहीं दूसरी तरफ सिवनी चांपा निवासी जमुना बाई नामदेव ने चरखा समेत डेढ़सरिया काठा पैली अर्थात कुरो, कागज से निर्मित टोकनी, चन्नी, चौकी, तालायुक्त चालगोटी कसारी, कपड़ायुक्त पंखे की डंडी भेंट किया है.
इसी तरह सिवनी के किसान रामू पाण्डेय और उनकी धर्मपत्नी रखमणि पाण्डेय ने 18 साल पुरानी काले रंग के गुड़, 20 साल पुराना देशी गाय की घी, नुन्हेंरा, छुही, नाव, सिलेट, बत्ती, ऐना, सकरी, कब्जा, सेलवाली टेलीफोन, तराजू बाट, लोहा सीमेंटयुक्त कड़ाही, सेलवाली रेडियो, कलारी, झारा, चलनी, किसान टार्च, मेंथलयुक्त गैस, खिलौना लोला, बाटी, भौरा, चुरकी, दौरी, सुताई, सिंघुली, सिटी, लेज़र लाईट, पुराने ज़माने की हाथ घड़ी, चैरु, चिकनीमिट्टी की कटोरी, ताला, दही बिलोनी का खईलर, नहना, सिंघा आदि सामग्री संग्रहालय में दान किया है। इससे सालभर पहले राजनांदगाव समेत रायपुर, कोरबा और कई जिले के किसानों ने विलुप्त चीजों को किसान स्कूल बहेराडीह के ‘धरोहर’ संग्रहालय में सुरक्षित रखा है।
पुरखा का सुरता अभियान का शीघ्र होगा शुभारम्भ
किसान स्कूल के संचालक ने दीनदयाल यादव ने बताया कि इस समय हमारे छत्तीसगढ़ के किसानों के सहयोग से जैविक खेती और खेत में पराली को जलाने के बजाय मशरूम, पशु चारा और जैविक खाद बनाने की अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान की शुरुआत नवागढ़ ब्लॉक अंतर्गत हरदी ( हरि ) से कृषक चेतना मंच के सहयोग से किया गया है।