ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल, जांजगीर में द्वितीय चरण के ओरिएंटेशन कक्षा में विश्व स्वास्थ्य संगठन के जीवन जीने के कौशलों का विज्ञान विषय में प्रयोग पर सेमीनार का आयोजन

जांजगीर-चाम्पा. ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल, बनारी, जांजगीर में स्कूल के डायरेक्टर आलोक अग्रवाल व प्राचार्य श्रीमती सोनाली सिंह के निर्देशन में द्वितीय चरण के ओरिएंटेशन कक्षा में विश्व स्वास्थ्य संगठन के जीवन जीने के कौशलो का विषयावर प्रयोग पर सेमीनार आयोजित हुआ। इस आयोजन का नेतृत्व श्रीमती मिनी मोल थॉमस और वर्षा सिंह के द्वारा किया गया। कार्यक्रम के शुरूआत में उन्होंने शिक्षको को उनके विषयानुसार अंग्रेजी, हिन्दी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान समूह में विभाजित किया।



सेमीनार में विज्ञान विषय की शिक्षिकाओं श्रीमती सीमा पाण्डेय और सुश्री प्रीति कोसरे के द्वारा अपनी प्रस्तुति दी गई। इस कड़ी में सर्वप्रथम श्रीमती सीमा पाण्डेय द्वारा आत्म जागरूकता और ‘निर्णय लेना’ एवं समस्या समाधान के कौशल के बारे में बताया गया। उन्होनें भोज्य पदार्थो के विषय पर विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए बताया कि हमारे भोजन मे उपस्थित विभिन्न पोषक तत्व हमारे स्वास्थ्य के लिए कितने लाभदायक है तथा इनकी कमी से विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ हो सकती है। उन्होने बताया कि हमे मानसिक व शारीरिक रुप से स्वस्थ रहने के लिए योग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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अतः हमे स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक आहार के साथ-साथ योग को भी अपने जीवन में लाना चाहिए। ‘पोषक तत्वों एवं विभिन्न बीमारियों ’ विषयों के माध्यम से श्रीमती सीमा पाण्डेय द्वारा आत्म जागरूकता, निर्णय लेना और समस्या समाधान जीवन कौशलो तथा योग के माध्यम से तनाव से मुक्ति जीवन कौशल को विद्यार्थियों में विकसित करना सीखाया। तत्पश्चात विज्ञान विषय में सुश्री प्रीति कोसरे ने आत्म जागरूकता और महम्वपूर्ण सोच जीवन कौशलो के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे जीवन से जुडे़ प्रत्येक कार्य में विज्ञान शामिल है।

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हमारे द्वारा किये गये प्रत्येक व्यवहार में विज्ञान का योगदान होता है। इसलिए छात्रों में विज्ञान विषय के माध्यम से जीवन कौशलो आसानी से विकसित किया जा सकता है। सुश्री प्रीति कोसरे के द्वारा एक वीडियों के माध्यम से ‘कोशिका संरचना’ को प्रदर्शित करते हुए आत्म जागरूकता जीवन कौशल को बहुत ही रोचक तरीके से समझाया गया। उनके द्वारा विज्ञान तकनीकी के माध्यम से जीवन में उनका महत्व समझाते महत्वपूर्ण सोच और समस्या समाधान जीवन कौशलो पर भी चर्चा की गई।

’मलेरिया जीवन-चक्र’ और ’लिंग-निर्धारण’ विषय का उदाहरण देते हुए उन्होने कहा कि आत्म जागरूकता, समस्या समाधान और महत्वपूर्ण सोच जीवन कौशल के द्वारा छात्रों को जागरूक कर छात्रों के द्वारा इन कौशलो को अपने जीवन में प्रयोग कर जीवन को सुचारू रूप से चलाया जा सकता है।

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