जांजगीर-चाम्पा. जिले में बहेराडीह ऐसा गांव है, जहां के बिहान की गंगे मईय्या महिला स्व सहायता समूह और जय भुवनेश्वरी महिला स्व सहायता समूह ने केंचुआ और जैविक खाद से लाखों रूपये की आमदनी प्राप्त की है. यह गाँव जिले का जैविक क़ृषि ग्राम है और यह यादवों का गाँव है। जहाँ के अधिकतर ग्रामीण खेती के साथ साथ दुग्ध उत्पादन का कारोबार कर रहे हैं। यहाँ के कृषक मित्र दीनदयाल यादव ने हाल ही में यहाँ के 50 पशुपालको के लिए कलेक्टर को जनदर्शन में कच्चा कोठा को मनरेगा के तहत पचास पचास हजार रूपये स्वीकृति दिए जाने की मांग किया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दस साल से यहाँ पर गंगे मईय्या महिला स्व सहायता समूह ने उन्नत किश्म आईसिनिया फोटीडा केंचुआ का पालन कर रहीं हैं। और जैविक खाद भी बनाने तथा लोगो को प्रशिक्षण देने का भी काम करती हैं। इस बीच छत्तीसगढ़ के राज्य सरकार ने जैसे ही गौठान योजना प्रदेश के सभी जिलों में लागु किया। उसके बाद प्रति किलो 262 रूपये की हिसाब से छत्तीसगढ़ के अनेको जिलों में केंचुआ का सप्लाई ऑर्डर मिलना शुरू हो गया। उसके बाद केंचुआ पालन के कारोबार से दस साल में करीब सात लाख रूपये का आमदनी प्राप्त कर चुके हैं। वहीं केंचुआ खाद को दस रूपये किलो की हिसाब से क्षेत्र में किसानों को बेचकर लाखों रूपये का लाभ ले चुके हैं। प्रदेश में सबसे अधिक केंचुआ सप्लाई का ऑर्डर पड़ोसी कोरबा जिले से बिहान की महिला समूह की महिलाओ को मिला है।
कृषक मित्र दीनदयाल यादव ने बताया कि इस समय बलौदा ब्लॉक अंतर्गत जाटा पंचायत के आश्रित ग्राम बहेराडीह के मॉडल गौठान में गोबर से जैविक खाद बनाने का काम बिहान के जय भुवनेश्वरी महिला स्व सहायता समूह को दी गईं है। इस कारोबार से उन्हें अच्छा आमदनी मिल रहीं हैं। ठीक उसी तरह से बिहान के ही गंगे मईय्या महिला स्व सहायता समूह ने प्रदेश के गौठानो में केंचुआ सप्लाई का काम करके लाखों रूपये आय अर्जित किया है। बिहान के इस प्रकार की कारोबार, आजीविका गतिविधियों की सराहना शासन, प्रशासन ने भी किया हैं।