जांजगीर-चाम्पा. भारत का पहला किसान स्कूल बहेराडीह, जहां प्रदेश के कई जिले के किसान इस समय पैरापुटु उगाने की उन्नत तकनीक सीख रहे हैं। इसके साथ ही केंचुआ पालन, जैविक खाद, जैविक कीटनाशक दवाई, जैविक क़ृषि के बारे में निःशुल्क ट्रेनिंग दी जा रही है।
वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल बहेराडीह के संचालक दीनदयाल यादव ने बताया कि इस समय पैरापुटु उगाने के लिए वातावरण बहुत ही अनुकूल होता है और प्रदेश के किसानों की रूचि को देखते हुए किसान स्कूल में किसानों को निःशुल्क प्रशिक्षण दिए जा रहा है। प्रशिक्षण में स्थानीय जिले के किसानों, बिहान के महिला समूहों और स्कूली छात्र-छात्राओं के अलावा सक्ती, रायगढ़, कोरबा, सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के किसान शामिल हो रहे हैं।
पैरापुटु उगाने के लिए पैरा का समुचित उपचार, बिजाई,करना, बीज की गुणवत्ता और रख रखाव की तरीका बताया जा रहा है, वहीं छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चाम्पा, सक्ती, रायगढ़, कोरबा, बिलासपुर, व अन्य जिलों के लिए ऑस्ट्रेलिया की आईसीनिया फोटीडा किस्म के केंचुआ पालन की सलाह दी जा रही है, जो बहुत ही कम समय में गुणवत्तायुक्त कम्पोस्ट बना देती है। किसान स्कूल परिसर में इस किस्म की लम्बे समय से बृहद मात्रा में पालन हो रहा है। जिसे 262 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से प्रदेश के कई जिलों के गोठान में सप्लाई किये जा रहे हैं। इसी प्रकार कम लागत में उन्नत खेती करने की तकनीक तथा जैविक कीटनाशक दवाई बनाने की विधि बताई जा रही हैं।
उल्लेखनीय है कि बहेराडीह किसान स्कूल, जो कि किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है, जहाँ पर भारत की कई राज्यों के किसान यहाँ पर खेती में नवाचार की तकनीक को देखने, समझने, अपनी जानकारी साझा करने आ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ यहाँ पर किसान प्रतिदिन प्रशिक्षण के लिए आ रहे हैं। यहाँ पर प्रशिक्षण लेने के लिए किसी भी प्रकार की कोई दस्तावेज जमा करने की जरुरत नहीं होती और उम्र की भी कोई बाध्यता नहीं रखी गईं है। यहाँ पर माहभर पहले बकरीपालन, मुर्गीपालन, मछलीपालन, केंचुआ पालन की लगातार किसानों के लिए प्रशिक्षण आयोजित किया गया था।