तमिलनाडु। नीलगिरी जिले में 65 प्रतिशत वन क्षेत्र है। इस कारण यहां जंगली जानवरों की आवाजाही अधिक रहती है। नीलगिरि वन के एवलांच एमराल्ड विलेज क्षेत्रों में बाघों की संख्या विशेष रूप से अधिक है। इसमें आनुवंशिक दोष वाले दो सफेद बाघ भी शामिल हैं। पिछले 40 दिनों में अकेले नीलगिरी में छोटे-बड़े बाघों और शावकों समेत 10 बाघों की अप्राकृतिक मौत हो चुकी है। जांच के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है।
वन अधिकारियों की लापरवाही से बाघों की मौत की बात भी बार-बार दोहराई जाने वाली कहानी बताई जा रही है। साथ ही वन विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि मृत शावक के डीएनए का उनके पास मौजूद अन्य बाघों के डीएनए से तुलना करके मां बाघ की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है।