वर्ल्ड कप के खिताब को जीतने का 12 साल का इंतजार अपनी ही सरजमीं पर भी खत्म नहीं हो सका। फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम को 6 विकेट से हराते हुए रोहित की पलटन का चैंपियन बनने का सपना चकनाचूर किया। पूरे टूर्नामेंट में शानदार खेल दिखाने वाली टीम इंडिया खिताबी मुकाबले में पूरी तरह से बेरंग नजर आई। आइए आपको बताते हैं किन पांच वजहों से खत्म नहीं हो सका आईसीसी ट्रॉफी का सूखा।
1. फाइनल में नहीं मिली अच्छी शुरुआत
वर्ल्ड कप 2023 में टीम इंडिया को हर मुकाबले में रोहित शर्मा और शुभमन गिल की सलामी जोड़ी ने दमदार शुरुआत दी थी। हालांकि, फाइनल मैच में रोहित और गिल की जोड़ी यह कमाल नहीं कर सकी। हिटमैन के बल्ले से तो रन निकले, लेकिन शुभमन महज 4 रन बनाकर पवेलियन लौटे।
2. मिडिल ऑर्डर हुआ फ्लॉप
रोहित शर्मा और विराट कोहली के पवेलियन लौटने के बाद भारतीय टीम का मध्यक्रम फाइनल में बुरी तरह से लड़खड़ा गया। केएल राहुल एक छोर संभालकर तो खड़े रहे, लेकिन उनको किसी भी बल्लेबाज का साथ नहीं मिल सका। श्रेयस अय्यर महज 4 रन बनाकर आउट हुए, तो जडेजा भी मात्र 9 रन बनाकर चलते बने। सूर्यकुमार यादव ने भी खिताबी मुकाबले में बल्ले से खासा निराश किया।
मोहम्मद शमी का नहीं चला जादू
सेमीफाइनल की तरह ही फाइनल में ही भारतीय टीम को मोहम्मद शमी से काफी उम्मीदें थीं। हालांकि, खिताबी मुकाबले में शमी उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके। भारतीय तेज गेंदबाज ने अपने 7 ओवर के स्पेल में 47 रन खर्च किए और उनकी झोली में सिर्फ एक विकेट आया।
4. नहीं चले भारतीय स्पिनर्स
वर्ल्ड कप 2023 में बीच के ओवर्स में भारत के स्पिनर्स का जलवा रहा था। खिताबी मुकाबले में भी कुलदीप यादव और रविंद्र जडेजा की जोड़ी से कप्तान रोहित शर्मा को एकबार फिर ऐसे ही जोरदार प्रदर्शन की उम्मीद थी। हालांकि, कंगारू टीम के खिलाफ खिताबी मुकाबले में ना तो कुलदीप की फिरकी का जादू चला और ना ही जडेजा अपनी घूमती गेंदों का कमाल दिखा सके। कुलदीप-जडेजा ने मिलकर अपने 20 ओवर में 99 रन लुटाए और एक भी विकेट नहीं चटका सके।
5. साझेदारी तोड़ने में नाकाम रहे भारतीय गेंदबाज
फाइनल मुकाबले में भारतीय गेंदबाज पूरी तरह से बेरंग नजर आए। बुमराह और शमी ने शुरुआत में टीम को तीन सफलताएं जरूर दिलाईं, लेकिन इसके बाद भारतीय बॉलर्स पूरे मैच में विकेट को तरसते हुए नजर आए। टीम इंडिया के गेंदबाज ट्रेविस हेड और मार्नस लाबुशेन के बीच हुई 191 रन की साझेदारी को तोड़ने में नाकाम रहे, जिससे चलते खिताबी मैच में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा।