बॉलीवुड का वो विलेन, जो धर्मेंद्र-अमिताभ बच्चन से भी ज्यादा लेता था फीस, फिर जा पहुंचा कैलाश, शॉकिंग है नाम?

एक जबरदस्त अभिनेता, जिसकी कलाकारी ने उन्हें दिग्गज स्टार बना दिया. राज कपूर, शम्मी कपूर, दिलीप कुमार, अमिताभ बच्चन जैसे कलाकारों को लोग उनके पूरे नाम से जानते हैं, लेकिन बॉलीवुड के इस नयाब हीरे के पूरे नाम के बारे में शायद 10 प्रतिशत सिनेमा प्रेमी ही जानते होंगे. जिस सितारे की आज हम बात कर रहे हैं वो आर्मी का रुख कर चुका था, लेकिन किस्मत उन्हें मुंबई खींच लाई. अपनी कद, काठी, खूबसूरती और स्टाइल की वजह से मेकर्स की पसंद बनते गए और फिर उस दौर के बड़े सितारों से ज्यादा फीस लेने वाले एक्टर बन गए.



 

 

 

60-70 के दशक में कई फिल्मों में अपने अभिनय से लाखों दिलों को जीतने वाला एक्टर बॉलीवुड का मशहूर विलेन बना. वो विलेन जिसके बिना फिल्म अधूरी से हुआ करती थी. जिन्होंने उस दौर में अपने स्टाइल से हजारों लड़कियों के फिदा किया. कई हिट फिल्मों का हिस्सा रहने वाले इस स्टार का राज कपूर से बेहद खास रिश्ता है, लेकिन एक दौर ऐसा आया कि वह कैलाश पर्वत पर जाने के लिए मजबूर हो गया. क्या था वो कारण चलिए आपको बताते हैं…

 

 

 

‘मेरे ही इलाके में मुझे धमकी… रंजीत शायद तुम भूल रहे हो, तुम किसके इलाके में हो और किस्से बात कर रहे हो’. हिंदी सिनेमा प्रेमी हैं, तो प्रेमनाथ का ये डायलॉग शायद ही आप भूल पाए होंगे. प्रेम नाथ का पूरा नाम है प्रेम नाथ मल्होत्रा. उन्होंने ‘बादल’, जॉनी मेरा नाम’ और ‘जानी दुश्मन’ ऐसी कई फिल्मों में काम किया.

 

 

 

 

21 नवंबर 1926 को जन्में प्रेम नाथ मल्होत्रा का जन्म यूं तो पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था. लेकिन, बंटवारे के चलते उनका परिवार मध्य प्रदेश के जबलपुर में जाकर बस गया. उनके पिता पुलिस में थे, इसलिए बेटे को उन्होंने आर्मी में भेजने का फैसला किया. लेकिन वहां मन नहीं लगा और अपने सपनों को उड़ान देने मायानगरी जा बसें. मुंबई में उन्होंने पृथ्वी राज कपूर के पृथ्वी थिएटर को ज्वाइन किया और वहां होने वाले नाटकों को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया. राज कपूर रिश्ते में उनके जीजा लगते थे.

 

 

 

 

प्रेम नाथ ने साल 1948 में फिल्म ‘अजित’ की जो सफल नहीं हो सकी. इसके बाद उसी साल राज कपूर की फिल्म ‘आग’ और साल 1949 में आई फिल्म ‘बरसात’ में उनके अभिनय को दर्शकों ने काफी सराहा. उन्होंने अपने करियर में हर सुपरहिट अदाकारा के साथ काम किया, जिसमें रमोला, मधुबाला, निकार सुल्तान, सुरैया, बीना राय जैसी अभिनेत्रियों के नाम शामिल है. प्रेमनाथ की खासियत ये थी कि वो हर तरह के रोल के लिए तैयार रहते थे. उन्हें विलेन का रोल मिले, केरेक्टर का रोल मिले या फिर लीड एक्टर का रोल मिले. उन्हें पसंद आता था, वो हर किरदार को प्ले करते थे और उसमें जमते भी थे.

 

 

 

एक दौर में उनकी पॉपुलेरिटी इतनी बढ़ी कि वो अपने जीजा राज कपूर से ज्यादा कमाने लगे. एक दौर ऐसा था जब प्रेमनाथ की फीस सवा लाख थी जबकि राज कपूर की 75 हजार रूपये देवानंद की फीस उस वक्त 35 हजार रूपये और दिलीप कुमार की 50 हजार रूपये थी. उस दौर में अमिताभ और धर्मेंद्र की फीस भी कम हुआ करती थी.

 

 

 

1953 में फिल्म ‘औरत’ के शूटिंग के दौरान, उन्हें एक्ट्रेस बीना राय से इश्क हुआऔर दोनों ने शादी का फैसला कर लिया. बीना के साथ प्रेम नाथ ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में कदम रखा और दोनों ने मिल कर पी.एन. फिल्म्स बैनर की स्थापना की. दोनों ने साथ में कुछ फिल्में बनाई, जो बुरी तरह से पिट गईं. इसके बाद प्रेम नाथ ने फिल्म निर्माण क्षेत्र से अपने कदम पीछे हटा लिए और अपना पूरा ध्यान एक्टिंग की तरफ कर लिया.

 

 

 

प्रेमनाथ ने फिल्म इंड्स्ट्री में जितना भी काम किया उन्हें सबसे ज्यादा शौहरत विलेन रोल्स से मिली. लेकिन एक वक्त के बाद उनकी फिल्में भी बॉक्स ऑफिस पर पिटने लगी. फिल्मों ने साथ देना बंद किया तब प्रेमनाथ ने कैलाश पर्वत का रुख कर लिया था. कुछ समय वहां की शांति में बिताने के बाद उन्होंने वापसी की. प्रेमनाथ मल्होत्रा ने ‘अजीत’, ‘जॉनी मेरा नाम’, ‘आन’, ‘तेरे मेरे सपने’,’अपना घर’, ‘बादल’,’तीसरी मंजिल’, ‘बहारों के सपने’, ‘बॉबी’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’, ‘नागिन’, ‘जय बजरंग बली’, ‘जानी दुश्मन’, ‘विश्वनाथ’, ‘कर्ज’ और ‘हम दोनों’ जैसी कई शानदार फिल्मों में काम किया था. प्रेमनाथ आखिरी बार फिल्म ‘हम दोनों’ में नजर आए थे.

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