हम तो दोस्त हैं, अमेरिका-भारत की करीबी देख ढीली पड़ी ड्रैगन की अकड़; बनाने लगा बातें. पढ़िए..

भारत और अमेरिका के बीच बढ़ती करीबी से ड्रैगन के कलेजे पर सांप लोटने लगा है। चीन इस कदर बेचैन हो उठा है कि उसने अमेरिका और भारत से दोस्ती की दुहाई देनी शुरू कर दी है। चीनी अखबार में लिखा है कि चीन भारत को दुश्मन के रूप में नहीं देखता है।



 

 

 

असल में इसके पीछे है भारत-अमेरिका के बीच हो रही 2+2 की बातचीत। इस दौरान दोनों देशों के रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री अपने समकक्षों के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं। अब यह बात चीन को किसी भी तरह से हजम नहीं हो रही है।

 

 

 

 

एक पड़ोसी देश और सहयोगी
यह चीनी अखबार आर्टिकल में आगे लिखता है कि चीन भारत को एक दुश्मन के तौर पर नहीं देखता है। इसके मुताबिक चीन भारत को एक पड़ोसी देश के रूप में देखता है। इसके मुताबिक दोनों देशों के बीच मतभेद के साथ निपटने का यही एक तरीका है। भारत और चीन के बीच व्यापारिक संबंध पड़ोसी देशों की तरह होने चाहिए। अखबार ने लिखा है कि भारत में किसी को भी चीन को दुश्मन या प्रतिद्वंद्वी नहीं समझना चाहिए। ना ही उसे चीन के साथ सैन्य मोर्चे पर उलझना चाहिए। अगर भारत-अमेरिका सहयोग पड़ोस में बसे किसी तीसरे देश के लिए खतरा नहीं है तो कोई प्रॉब्लम नहीं है। लेकिन अगर इन दोनों के संबंधों से चीन जैसे किसी देश को मिलिट्री या सिक्योरिटी खतरा महसूस होता है तो यह चिंता की बात होगी।

इसे भी पढ़े -  Sakti News : मिरौनी गांव में जिला स्तरीय पशुधन एवं कुक्कुट प्रदर्शनी कार्यक्रम आयोजित, सांसद कमलेश जांगड़े, मालखरौदा जनपद पंचायत अध्यक्ष कवि वर्मा और उपाध्यक्ष रितेश साहू रहे मौजूद, उत्कृष्ट पशुओं के पशु पालकों को किया गया सम्मानित

 

 

 

 

तो नाकाम होगा अमेरिका
आर्टिकल के मुताबिक अगर वॉशिंगटन में कोई यह मानता है कि वह भारत को अमेरिका के दायरे में बांध लेगा तो वह न सिर्फ नाकाम होगा, बल्कि इसका अंत भी बेहद खराब होगा। अखबार ने लिखा है कि चीन से दुश्मनी के लिए अमेरिका भारत, खासतौर पर उसकी सेना को अपने दायरे में बांधने को बेकरार है। आर्टिकल में आगे लिखा गया है कि विभिन्न मोर्चों पर भारत और अमेरिकी संबंधों में मजबूती आई है। इसके मुताबिक भारत और अमेरिकी के बीच मिलिट्री लॉजिस्टिक्स से जुड़ा समझौता हुआ है। इसका मतलब यह है कि अमेरिका कभी भी भारत के बंदरगाह, हवाई अड्डों और अन्य मिलिट्री ठिकानों पर अपनी सैन्य ताकत को तैनात कर सकता है। लेख में आगे हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच हुए सैन्य अभ्यास का भी जिक्र है।

इसे भी पढ़े -  Sakti News : मिरौनी गांव में जिला स्तरीय पशुधन एवं कुक्कुट प्रदर्शनी कार्यक्रम आयोजित, सांसद कमलेश जांगड़े, मालखरौदा जनपद पंचायत अध्यक्ष कवि वर्मा और उपाध्यक्ष रितेश साहू रहे मौजूद, उत्कृष्ट पशुओं के पशु पालकों को किया गया सम्मानित

 

 

 

 

भारत की तारीफ
इतना ही नहीं, चीनी अखबार ने अपने इस लेख में भारत की तारीफों के पुल भी खूब बांधे हैं। उसने कहा है कि अमेरिका हमेशा शीतयुद्ध की मानसिकता में रहता है। जबकि भारत और इसकी सरकार के लोग अपनी आजादी को तवज्जो देते हैं। इसने लिखा है कि नई दिल्ली, विभिन्न देशों के साथ लंबे अरसे से संबंध बनाए हुए हैं। यहां तक कि अमेरिका जिन देशों को दुश्मन कहता है, उनसे भी भारत के संबंध अच्छा है। लेख में कहा गया है कि यही वजह है कि भारत और अमेरिका में एक-दूसरे को लेकर गणना बिल्कुल विपरीत है। अखबार में आगे लिखा है कि भारत को जल्द ही इस बात का एहसास होगा कि चीन हकीकत में एक महत्वपूर्ण पड़ोसी देश है।

इसे भी पढ़े -  Sakti News : मिरौनी गांव में जिला स्तरीय पशुधन एवं कुक्कुट प्रदर्शनी कार्यक्रम आयोजित, सांसद कमलेश जांगड़े, मालखरौदा जनपद पंचायत अध्यक्ष कवि वर्मा और उपाध्यक्ष रितेश साहू रहे मौजूद, उत्कृष्ट पशुओं के पशु पालकों को किया गया सम्मानित

error: Content is protected !!