दिलीप कुमार-वैजंतीमाला के ‘रोमांस’ पर जब चली कैंची, नेहरू को करना पड़ा हस्तक्षेप, ऑलटाइम ब्लॉकबस्टर निकली फिल्म

नई दिल्ली. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के वर्सेटाइल एक्टर रहे दिलीप कुमार अब भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनसे जुड़ी तमाम यादें उनके फैंस के जहन में बसी हुई हैं. यादों के इन पिटारों का बक्सा जब-जब खुलता है तो दिलीप कुमार की फिल्में, गाने , पर्सनल लाइफ से लेकर अन्य बातें भी सामने आ जाया करती हैं.



 

 

 

कुछ ऐसा ही साल 1961 में आई उनकी एक फिल्म के साथ भी है. इस फिल्म में दिलीप कुमार संग रोमांस किया था वैजयंतीमाला. इस फिल्म को लेकर दोनों सितारों के फैंस काफी एक्साइटेड थे, हालांकि रिलीज पहले ही इस फिल्म को लेकर काफी हंगामा मच गया. उनकी फिल्म को सेंसर बोर्ड ने अश्लील और हिंसात्म फिल्म करार देकर 250 कट लगा दिये थे.

 

 

 

दिलीप कुमार और वैजयंतीमाला वो फिल्म साल 1961 रिलीज हुई थी. फिल्म का टाइटल था ‘गंगा जमुना’ (Ganga Jamuna). यह एक क्राइम ड्रामा फिल्म थी. इस फिल्म को नितिन बोस ने निर्देशित किया था जबकि इसे खुद दिलीप कुमार प्रोड्यूस किया था. फिल्म की कहानी1957 में रिलीज हुई बॉलीवुड ड्रामा फिल्म ‘मदर इंडिया’ से प्रेरित थी. फिल्म ने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीता और इसने भारतीय बॉक्स ऑफिस पर बहुत अच्छा प्रदर्शन भी किया. अपना कुल बजट भी वसूल करने के साथ ही साथ इसने भारी मुनाफा कमाया.

 

 

 

 

बता दें कि इस फिल्म को दर्शक आज भी काफी पसंद करते हैं. फिल्म के डायलॉग्स और गाने आज भी दर्शकों की जुबान पर रहता है. फिल्म की बजट और कमाई की बात करें तो, इस फिल्म को दिलीप कुमार ने 1 करोड़ से कम के बजट में बनाया था.  एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘गंगा जमुना’ का बजट केवल 70 लाख था. हालांकि फिल्म ने अपनी बजट से कई गुना पैसे कमा कर फिल्म मेकर्स को माला कर दिया था. रिपोर्ट के अनुसार, इस फिल्म ने देसी बॉक्स ऑफिस पर 4 और विदेशों में करीब 7 करोड़ से अधिक कमाई की थी. फिल्म को टोटल कलेक्शन 11 करोड़ था. यह 1961 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर फिल्म साबित हुई थी.

 

 

 

 

बता दें कि इस फिल्म ने जहां रिलीज होते रही बॉक्स ऑफिस पर कहर बरपा दी थी. जबकि रिलीज से पहले इस फिल्म को लेकर बाहर दुनिया में काफी उत्पात मचा था. कहा जाता है कि यह फिल्म केवल और केवल तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की वजह से दर्शकों के सामने आ पाई थी. अगर वो हस्तछेप नहीं करते तो फिल्म का बस्ता बंद होना तय था.

 

 

 

 

 

रिपोर्ट के अनुसार, आपको बता दें, सेंसर बोर्ड के कारण यह फिल्म तकरीबन छह महीने से भी ज्यादा समय तक लटकी रही थी. रिपोर्ट में बताया गया है कि जब ‘गंगा जमुना’ पूरी तरह से बनकर तैयार हुई और सेंसर बोर्ड के दरवाजे तक पहुंची तो फिल्म के साथ-साथ दिलीप कुमार को जोरों का झटका लगा था. उस वक्त सूचना और प्रसारण मंत्री बीवी केसकर और उनके अंतर्गत काम करने वाले सेंसर बोर्ड ने इसमें अश्लीलता और हिंसा का हवाला देते हुए 250 कट लगाने की सिफारिश की थी.

 

 

 

 

इस तरह की सिफारिश सामने आने के बाद दिलीप कुमार के पैरों तले जमीन खिसक गई. क्योंकि वह इस फिल्म को बिना किसी बिना बदलाव के रिलीज कराने करना चाहते थे. जब सेंसर बोर्ड नहीं माना तो दिलीप कुमार तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से मुलाकात कर मदद की गुहार मांगी. दोनों के बीच 15 मिनट तक की मीटिंग हुई. तब जाकर दिलीप कुमार की यह फिल्म रिलीज हो पाई थी.

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