छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के बाद जो भी सरकार बनेगी, उसे कर्ज के भारी बोझ से दबा हुआ राज्य मिलेगा। छत्तीसगढ़ पर 82 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज चढ़ा हुआ है। और, यह बोझ कम होने के आसार बहुत कम दिखाई दे रहे हैं। इस आशंका की वजह यह है कि सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी भाजपा, दोनों ने ही चुनाव से पहले जो घोषणापत्र जारी किए हैं, उनमें खर्च बढ़ाने वाली घोषणाएं ही हैं। किसी पार्टी ने इस सवाल का ठोस जवाब नहीं दिया है कि नए चुनावी वादे पूरे करने के लिए पैसे कहां से आएंगे?
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विधानसभा मेंं बता चुके हैं कि जनवरी 2023 तक राज्य सरकार पर 82.125 करोड़ रुपए का ऋण था। कांग्रेस नेता भूपेश बघेल 17 दिसंबर, 2018 में मुख्यमंत्री बने थे। उनके पहले भाजपा के रमन सिंंह सीएम थे। जब उन्होंने कुर्सी छोड़ी थी तो राज्य की सरकार पर 41 हजार 695 करोड़ रुपए का कर्ज छोड़ गए थे था। यानि, बघेल के पांच साल में कर्ज का बोझ दोगुना हो गया।
छत्तीसगढ़ राज्य साल 2000 में बना था। तब से जनवरी 2023 तक सरकार ने कुल 1.05 लाख करोड़ (आरबीआई, नाबार्ड, वर्ल्ड बैंक आदि से) कर्ज लिया। इसमें से केवल 28,096 करोड़ ही (जनवरी 2023 तक) चुकाया जा सका है।
हालत इतनी बदतर है कि बतौर मुख्यमंत्री जनवरी 2019 से जनवरी 2023 तक हर महीने औसत 460 करोड़ रुपए ब्याज का भुगतान किया गया। यानि, चार साल में कुल 22080 करोड़ रुपए।
नई सरकार बनने के बाद भी स्थिति गंभीर होने की ही आशंका है, न कि किसी राहत की। इसकी वजह यह है कि भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों ने ऐसे चुनावी वादों की झड़ी लगाई है कि उन पर बेशुमार पैसे खर्च होने हैं। ये पैसे कहां से आएंगे, इसका कोई रास्ता नहीं बताया गया है।
पहले कांग्रेस के कुछ वादों पर नजर डाल लेते हैं:
भूमिहीन मजदूरों को 10000 रुपए सालाना देंगे। किसानों का कर्ज माफ करेंगे। केजी से पीजी तक शिक्षा मुफ्त करेंगे। गरीब-अमीर, हर महिला एलपीजी उपभोक्ताओं को गैस सिलेंडर पर 500 रुपए की सब्सिडी। 3200 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी होगी। 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त देते रहेंगे। जातिगत जनगणना कराएंगे। तेंदुपत्ता जमा करने वालों को प्रति मानक बोरा 4000 रुपए की जगह 6000 रुपए देंगे और 6000 रुपए का सालाना बोनस अलग से मिलेगा। 17.5 लाख गरीब परिवारों को घर देंगे। युवाओं को अपना काम शुरू करने के लिए मिलने वाले कर्ज पर सब्सिडी 40 की जगह 50 फीसदी होगी। गरीबों को 5 के बजाय 10 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। परिवहन कारोबार से जुड़े 66000 से अधिक वाहन मालिकों के वर्ष 2018 तक के 726 करोड़ रुपए की बकाया राशि माफ की जाएगी।
15 साल सत्ता में रही और एक बार फिर सरकार बनाने के लिए कोशिश कर रही बीजेपी ने भी छत्तीसगढ़ की जनता से बड़े-बड़े वादे किए हैं।
बीजेपी के ऐसे कुछ वादों पर नजर डालिए:
शादीशुदा हर महिला को साल के 12 हजार रुपए देंगे, पीएम आवास योजना के तहत 18 लाख घर बनवाएंगे।
तेंदू पत्ता की खरीदी 5500 रुपए प्रति मानक बोरा में करेंगे। अतिरिक्त संग्रह करने वालों को 4500 रुपए अलग से बतौर बोनस देंगे।
गरीबों को 10 लाख रुपए तक की हेल्थ स्कीम दी जाएगी।
एलपीजी गैस कनेक्शन 500 रुपए में मिलेगा
कॉलेज जाने वाले बच्चों को बस की सुविधा मिलेगी छत्तीसगढ़ के 5 शक्तिपीठों को विकसित किया जाएगा
छत्तीसगढ़ के गरीब लोगों को सरकारी खर्च पर अयोध्या में बन रहे राम मंदिर ले जाकर रामलला के दर्शन कराए जाएंगे। बता दें कि जनवरी 2024 में मंदिर आम लोगों के लिए खोले जाने की योजना है।