Success Story IAS Swapnil Wankhade : आईएएस स्वप्निल वानखेड़े इस वक्त जबलपुर म्युनिसिपल कमिश्नर हैं. वह यूपीएससी 2015 क्रैक करके आईएएस बने थे. उन्होंने चौथे प्रयास में 132वीं रैंक हासिल करके यूपीएससी क्लियर करने में कामयाबी हासिल की थी. यहां तक पहुंचने की उनकी यात्रा काफी प्रेरक है. उन्होंने कई बार असफलता का स्वाद चखने के बाद मंजिल पाई थी.
आईएएस स्वप्निल वानखेड़े महाराष्ट्र के अमरावती जिले के रहने वाले हैं. स्वप्निल ने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद करीब तीन साल तक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में नौकरी की. इसके बाद उन्होंने सिविल सेवा में जाने का मन बना लिया. दरअसल उन्हें सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जॉब से संतुष्टि नहीं थी. वह समाज के लिए भी कुछ करना चाहते थे.
स्वप्निल को शुरुआत में असफलता हाथ लगी तो उनके पिता ने समझाया कि विफलता का सामना भी पूरी जिम्मेदारी और शालीनता से करना चाहिए. स्वप्निल ने इसके बाद नए संकल्प के साथ मेहनत जारी रखी. उन्हें साल 2013 में एक अहम कामयाबी मिली. उनका सेलेक्शन असिस्टेंट कमांडेंट पद पर हो गया.
स्वप्निल ने तीसरे प्रयास में यूपीएससी क्रैक करके इंडियन रेवन्यू सर्विस में असिस्टेंट कमिश्नर इनकम टैक्स बने. लेकिन उन्हें आईएएस से कम कुछ मंजूर नहीं था. स्वप्निल आखिरकार चौथे प्रयास में आईएएस बनने में कामयाब रहे. उन्होंने यूपीएससी 2015 में 132वीं रैंक हासिल की. इस तरह उन्होंने कई असफलताओं के बाद आखिकार मंजिल तक पहुंचकर ही दम लिया.
स्वप्निल वानखेड़े ने एक इंटरव्यू में बताया है कि तैयारी में कई चुनौतियां और मुश्किलें आई. खासकर पहला साल कई चुनौतियों भरा रहा. जिसमें भावनात्मक मजबूरी और अधिकतम दबाव झेलने की क्षमता हासिल करने की चुनौती खास थी. उन्होंने यह भी कहा कि दूसरा प्रयास सबसे कठिन था. हर किसी को अपने माता-पिता के अलावा दोस्तों और रिश्तेदारों का भी सामना करना पड़ता है. साथ में खुद से भी लड़ना पड़ता है.