यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. इस परीक्षा में केवल दृढ़ता और कठिन प्रयास के जरिए ही एक उम्मीदवार सफलता हासिल कर एक आईएएस, आईपीएस या आईएफएस अधिकारी के पद को प्राप्त कर सकता है.
आईएएस सलोनी वर्मा इस बात का आदर्श उदाहरण हैं कि कैसे दृढ़ संकल्प और आत्म-विश्वास से आप वह सब कुछ हासिल कर सकते हैं जो आप चाहते हैं.
अद्वितीय और प्रेरणादायक सलोना वर्मा की असाधारण उपलब्धि की गूंज पूरे देश में है. बिना किसी ट्यूशन व कोचिंग की सहायता के, सलोनी वर्मा ने देश की अत्यंत कठिन यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की थी. उनकी अविश्वसनीय उपलब्धि अब कई यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा बन गई है.
आईएएस सलोनी वर्मा मूल रूप से झारखंड के जमशेदपुर की रहने वाली हैं. हालांकि, वह उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय दिल्ली में ही बिताया है. उनकी सफलता की कहानी हर किसी के लिए अविश्वसनीय रूप से प्रेरक है, क्योंकि उन्होंने यूपीएससी के दौरान अटूट दृढ़ता, कठिन प्रयास और अपने देश की सेवा करने की तीव्र इच्छा का प्रदर्शन किया है.
ग्रेजुएट होने के तुरंत बाद उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देने का फैसला किया और अपने दूसरे प्रयास में वह सफल रहीं. उन्होंने ट्रेडिशनल कोचिंग सेशन के बजाय सेल्फ स्टडी के जरिए ही परीक्षा की तैयारी करने का विकल्प चुना और साल 2020 में ऑल इंडिया 70वीं रैंक हासिल करते हुए यूपीएससी परीक्षा पास कर ली. उनकी कहानी दर्शाती है कि स्पष्ट लक्ष्य रखना और सफल होने की अटूट इच्छा भविष्य की सफलता के लिए आवश्यक है.
कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईएएस अधिकारी सलोमी वर्मा ने अपनी स्ट्रैटजी का खुलासा भी किया. उन्होंने बताया कि उन्होंने अपना शेड्यूल बनाने से पहले ही सभी स्टडी मटेरियल को पढ़कर समझ लिया था. वह अन्य उम्मीदवारों को योजना बनाकर और एक कठोर शेड्यूल का पालन करके पढ़ाई करने की सलाह देती हैं. उन्होंने यह सलाह भी दी कि सिलेबस को लगातार कवर करने पर जोर दें और सुनिश्चित करें कि आप हमेशा अपने काम को रिवाइज रहें, और लिखने का अभ्यास भी करते रहें.