राजकुमार साहू
अभी 2024 लोकसभा चुनाव की सरगर्मी धीरे-धीरे बढ़ने लगी है. राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है. बदलते वक्त के साथ कांग्रेस का वोट बैंक खिसका है और एक के बाद एक राज्यों से सरकार गई है. इसके बाद 2024 के इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है कि आखिरकार किस तरह वापसी की जाए ?
कुछ महीने पहले कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हुआ, जिसमें छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार चली गई, वहीं तेलंगाना में ही कांग्रेस सरकार बन सकी है. 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा ने मजबूती से सीटें बढ़ाई थी और एनडीए की सरकार केंद्र में बनी थी. वही सरकार अभी देश में शासन चला रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 2 कार्यकाल के पौने 9 बरसों की सरकार में जिस तरह कार्य किया है और देश की पहचान को सशक्त किया है, उससे जनता के मन में पीएम मोदी की छवि बेहतर है, वहीं कांग्रेस में राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा से अपनी स्थिति मजबूत की है, वहीं पीएम मोदी से जिस तरह लोग जूड़े हैं और उनके व्यक्तित्व से प्रभावित हुए हैं, इसके इतर राहुल गांधी वह छाप, जनता के मन में नहीं छोड़ पाए हैं, जिससे कांग्रेस के सशक्तिकरण में असर दिखे. कांग्रेस के कमजोर होने से परिणाम है कि बीते 10 बरसों में कांग्रेस, राज्यों की सरकार से हटती चली गई है.
ऐसे में कांग्रेस के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव बड़ी चुनौती है कि किस तरह वापसी की जाए. अभी देश में जिस तरह पीएम मोदी ने अयोध्या में राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को जनता के दिलों में पहुंचाने की कोशिश की, उसमें वे सफल हुए हैं. राम मन्दिर का मुद्दा कई दशकों से बना हुआ है. इस बार प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश में इस मुद्दे का बड़ा प्रभाव दिख सकता है, क्योंकि 5 सौ बरस के बाद रामलला की स्थापना हुई है. दूसरी ओर, पिछली बार की तरह राहुल गांधी, फिर से भारत जोड़ो यात्रा निकालने वाले हैं. पिछली बार की यात्रा में राहुल गांधी ने अपनी स्थिति मजबूत की थी और इस बार फिर यात्रा के माध्यम से अपनी स्थिति को मजबूत करने का प्रयास करेंगे.
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राहुल गांधी की यात्रा के बड़े मायने हैं, क्योंकि भाजपा व एनडीए, मोदी के चेहरे और राममंदिर के सहारे फिर सरकार बनाने की कवायद कर रही है. इस मुकाबले कांग्रेस के पास मोदी सरकार के खिलाफ बड़ा मुद्दा नहीं है, जिसके सहारे कांग्रेस अपनी वैतरणी पार लगा सके. कांग्रेस के द्वारा जीएसटी, महंगाई समेत अन्य मुद्दों को उठाई जाती है, लेकिन इन बातों को जनता तक पहुंचाने में कांग्रेस कामयाब नहीं हो पा रही है. इस तरह कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी स्थिति कैसे मजबूत करेगी ? मोदी के फेस के विरुद्ध कांग्रेस का कारगर चेहरा कौन होगा ? देश में राममन्दिर का जो माहौल है, चुनावी माहौल में कांग्रेस इस मुद्दे का क्या काट ढूंढेगी, यह भी बड़ी चुनौती है ?
हमारा मानना है कि पीएम फेस के लिए कांग्रेस में राहुल गांधी के बजाय प्रियंका गांधी को आगे किया जाए तो कांग्रेस को बड़ा आधार मिल सकता है. ये अलग बात है कि प्रियंका गांधी, मुख्यधारा की राजनीति से दूर हैं. राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा से देश में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई है, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी की छवि के आगे राहुल गांधी, कमजोर पड़ रहे हैं. इस तरह कांग्रेस, नेतृत्व परिवर्तन कर कोई मजबूत चेहरे को पीएम फेस के रूप में उतारे तो निश्चित ही कांग्रेस उन चुनौतियों से निपट सकती है, जिससे कांग्रेस, वर्तमान में जूझ रही है. सवाल यही है कि 2024 के लोकसभा चुनाव की चुनौतियों से निपटने कांग्रेस, आखिरकार आगे क्या करेगी ?
( लेखक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार हैं )