योग हमारे जीवन में बहुत ही फायदे देता है. तनाव एवं चिंता शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को तहस-नहस कर सकती है. कैंसर के मामले में तो मस्तिष्क एवं शरीर का संबंध विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण है. हम कुछ आसान से योग से थकान, नींद की कमी, कीमोथेरेपी से होने वाली मतली और दर्द से छुटकारा मिल सकता है. योग से तनाव का प्रभावी प्रबंधन कर सकते हैं, तो जानते है कि वह कौन से 4 योगासन हैं, जिमसें हमें इन सभी चीजों से छुटकारा मिलेगा. किस प्रकार से हम ये योग घर पर ही कर सकते हैं.
1. कोणासन करने का तरीका:-
सबसे पहले आप अपने दोनों पैरों को फैलाकर खड़े हो जाएं. इसके बाद अपने एक हाथ को कमर पर और दूसरा हाथ बगल में रखें. इसके बाद बगल में झुकें. फिर अपने कंधे की ओर देखते हुए, अपने हाथ को बगल में रखते हुए नीचे की ओर पहुंचे. फिर इसी प्रकार आप दूसरी तरफ दोहराएं.
इस योग का लाभ:-
इस योग को करने से आपकी रीढ़ की हड्डी में खिंचाव होता है. कोणासन में पार्श्विक खिंचाव शामिल होता है, जिससे रीढ़ को लाभ होता है. साथ ही आपकी पीठ में तनाव से राहत मिलती है. इसके साथ ही आपके पाचन में सुधार होगा. कोर का हल्का मोड़ एवं खिंचाव पाचन को बढ़ावा देने में सहायता करता है. साथ ही कैंसर रोगियों को पेट से जुड़ी जो समस्या होती है उनमें राहत देता है.
2. पर्वतासन करने का तरीका:-
सबसे पहले आप आराम से बैठ जाएं. फिर श्वास लें एवं हथेलियों को एक साथ लाते हुए अपनी भुजाओं को ऊपर उठाएं. फिर श्वास छोड़ें एवं अपनी भुजाएं नीचे कर लीजिए.
इस योग का लाभ:-
यह योग को करने से ऊपरी शरीर को मजबूत बनाता है. इससे कैंसर रोगियों को शरीर के ऊपरी हिस्सों में ताकत बनाए रखने में मदद मिलती है. जब वह उपचार से कमजोर हो जाते हैं. इसके साथ ही तनाव व चिंता को कम करेंगे. नियंत्रित श्वास एवं सचेतन गति तनाव और चिंता में राहत देने का काम करती है.
3. पवनमुक्तासन करने का तरीका:-
इस योग को करने के लिए सबसे पहले आप पीठ के बल लेट जाएं. फिर अपने घुटनों को छाती तक लाएं. इसके बाद आप उन्हें अपने हाथों से पकड़ें. फिर श्वास छोड़ते हुए अपने पैर नीचे कीजिये.
इस योग का लाभ:-
इस योग को करने से गैस एवं सूजन से राहत राहत मिलती हैं. पवनमुक्तासन पेट के क्षेत्र में हल्का दबाव देता है. जिससे गैस एवं सूजन से आपको राहत मिलती है. जो कुछ कैंसर उपचारों के सामान्य साइड इफेक्ट हैं. इसके साथ ही पेट के अंगों की मसाज होती है. यह योग पेट के अंगों की हल्की मालिश करता है. जिससे पाचन ठीक रहता है.
4. यष्टिकासन को इस प्रकार करें:-
इस योग को करने के लिए सबसे पहले आप पीठ के बल लेट जाएं. फिर अपने हाथों एवं पैरों को विपरीत दिशा में फैला लीजिए. इसके बाद गहरी सांस लेते हुए इस स्थिति को बनाए रखें. यह तब तक करें तब तक आप इसे आसानी से कर सकते हैं.
इस योग का लाभ:-
इस योग से आपको बहुत लाभ होगा. यह योग आपके स्ट्रेचिंग को बढ़ावा देता है.साथ ही यह मांसपेशियों व जोड़ों में हल्के खिंचाव लाने में मदद भी करता है. जिससे कैंसर रोगियों द्वारा अनुभव की जाने वाली जकड़न मिटाने में मदद मिलती है. इसके साथ ही यह योग आपके लचीलेपन को बढ़ाता है. इससे लचीलेपन में सुधार आता है जो बीमारी के कारण एक सीमा तक बाधित हो गई होती है. साथ ही आपके रक्त संचार में सुधार करता है. यष्टिकासन में शामिल खिंचाव एवं गहरी सांस आपके रक्त संचार को बढ़ाते हैं. साथ ही कोशिकाओं के ऑक्सीजनेशन को बढ़ावा देते हैं.
(NOTE: यह सब करने से पहले एक बार आप अपने डॉक्टर या किसी योग गुरु से सलाह जरूर लें, हमारा उद्देश्य केवल जानकारी मुहैया कराना है।