नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2024 की सियासी सरगर्मी के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने आम जानता को बड़ी खुशखबरी दी है। सरकार ने मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों की मजदूरी में बढ़ोतरी किए जाने का ऐलान किया है। सरकार ने पूरे देश के लिए ये ऐलान किया है। हालांकि मजदूरी में बढ़ोतरी की दर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग की गई। लेकिन औसतन देखें तो पूरे देश में 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।
मनरेगा मजदूरी दर में सबसे ज्यादा गोवा में 10.56% की वृद्धि की गई हैअधिसूचना के अनुसार, मनरेगा मजदूरी की उच्चतम दर (374 रुपए प्रति दिन) हरियाणा के लिए तय की गई है, जबकि सबसे कम (234 रुपए प्रति दिन) अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के लिए तय की गई है। चालू वर्ष (वित्त वर्ष 2023-2024) में राज्य-वार वृद्धि की बात करें तो गोवा में 10.56% (34 रुपए) की अधिकतम वृद्धि देखी गई है। इससे वित्त वर्ष 2024-2025 के लिए गोवा में मजदूरी 356 रुपए प्रति दिन हो गई है। वर्तमान में ये 322 रुपए प्रतिदिन है।
कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना वे अन्य तीन अन्य राज्य हैं जहां MGNREGA मजदूरी में 10% से अधिक की बढ़ोतरी देखी गई हैवहीं, कर्नाटक में, नई मनरेगा मजदूरी दर 349 रुपए प्रति दिन होगी, जो मौजूदा दर 316 रुपए प्रति दिन से 10.44% अधिक है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लिए, मनरेगा मजदूरी दरें 2024-2025 के लिए 300 रुपए प्रति दिन तय की गई हैं, जो चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 272 रुपए प्रति दिन की तुलना में 10.29% अधिक हैमध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए मनरेगा के तहत एक समान मजदूरी दर है। दोनों राज्यों में लगभग 10% की वृद्धि हुई है और अब यह मौजूदा 221 रुपए से बढ़कर 243 रुपए प्रति दिन हो जाएगी। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी मनरेगा के तहत मजदूरी दर एक समान है।
इन राज्यों में मौजूदा समय में मनरेगा के तहत 230 रुपए दिहाड़ी मिलती है। लेकिन इसमें 3.04% की वृद्धि की गई और यह बढ़कर 237 रुपए प्रति दिन हो जाएगी। यह सबसे कम वृद्धि है।आठ अन्य राज्यों में 5% से नीचे की वृद्धि देखी गई है। इनमें हरियाणा, असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, राजस्थान, केरल और लक्षद्वीप शामिल हैं। कुल मिलाकर, वेतन में लगभग 7% की औसत वृद्धि देखी गई है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए मौजूदा औसत मजदूरी दर 267.32 रुपए प्रति दिन से बढ़कर 285.47 रुपए प्रति दिन हो गई है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर आधार जनसांख्यिकी सत्यापन स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, एक जनवरी के आंकड़े के अनुसार, मनरेगा के तहत लगभग 14.28 करोड़ सक्रिय श्रमिक हैं।