कच्ची सब्जी 150, सूखने के बाद 3000 रुपए किलो तक दाम, 12 महीने नहीं होगी खराब, सिर्फ यहीं मिलेगी

जोधपुर. पश्चिमी राजस्थान का जोधपुर, न सिर्फ गर्मी के लिए मशहूर है, बल्कि अपने खान-पान और रहन-सहन के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है. सबसे खास यहां का खान-पान है, जो भारत से बाहर भी जानी-पहचानी जाती है. राजस्थान का यह इलाका एक विशिष्ट सब्जी के लिए भी प्रसिद्ध है, जो बेशकीमती कही जाती है. इतनी महंगी कि इसके आगे सूखे मेवों के दाम भी कम पड़ जाते हैं. राजस्थान की इस सब्जी का नाम है कैर-सांगरी. प्राकृतिक रूप से उपजने वाली यह सब्जी कच्ची से ज्यादा सूखने के बाद महंगी हो जाती है. कैर-सांगरी की विशेषता यह है कि इसका उत्पादन सिर्फ पश्चिमी राजस्थान में ही होता है और वह भी प्राकृतिक रूप से.



 

 

दरअसल, कैर-सांगरी दोनों की बुवाई नहीं होती है. यह प्राकृतिक रूप से पैदा होती है. जिस मौसम में कैर-सांगरी मिलती है, उस समय इनकी सब्जी और अचार बनाया जाता है. वहीं जब कैर-सांगरी सूख जाते हैं, इसके बाद बनने वाली सब्जी ज्यादा स्वादिष्ट होने के कारण पसंद की जाती है. सूखे कैर-सांगरी की सब्जी कभी भी बनाई जा सकती है. खासकर बड़े आयोजनों में पंचकूटा की सब्जी में मुख्यत: कैर-सांगरी का ही इस्तेमाल होता है. सांगरी और कैर का उत्पादन प्राकृतिक रूप से होता है. इसके लिए खेती नहीं करनी पड़ती. खेजड़ी पर सांगरी लगती है और झाड़ पर कैर आते हैं. न तो इसमें किसी तरह की खाद और दवा का प्रयोग होता है और न ही मेहनत लगती है. साथ ही इसके औषधीय प्रयोग भी कई है. गर्मियों की शुरुआत के साथ इसकी डिमांड बढ़ जाती है. कैर-सांगरी की एक खासियत यह भी है कि यह सब्जी एक साल यानी 12 महीनों तक खराब नहीं होती.

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3000 रुपए किलो तक होती है कीमत

 

कैर-सांगरी से जुड़ी खासियतों में रोचक यह है कि सांगरी जब कच्ची होती है, तो स्थानीय स्तर पर कीमत 150-170 रुपए प्रति किलो तक होती है. वहीं कैर स्थानीय बाजार में 200-220 रुपए प्रति किलो मिलती है. लेकिन दोनों फलियों के सूखने के बाद कैर-सांगरी की कीमत करीब 5 गुणा तक बढ़ जाती है. राजस्थान के बाहर दूसरे राज्यों में यह 1800-1900 रुपए प्रति किलो की दर से बिकती है. समय के साथ अब जबकि कई चीजें ऑनलाइन बिकने लगी हैं, कैर-सांगरी भी देश-विदेश में उपलब्ध है. विभिन्न वेबसाइट पर यह 2500 से 3000 रुपए किलो तक मिलती है.

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कैर सांगरी खाने के औषधीय लाभ

 

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व पूर्व डीन डॉ. प्रेम प्रकाश व्यास ने बताया कि कैर-सांगरी में विटामिन ए, कैल्शियम, आयरन और कार्बोहाइड्रेट होता है. यह एंटीऑक्सीडेंट भी है, स्वाद के साथ जो रोग प्रतिरोधकता बढ़ाती है. कैर के डंठल से चूर्ण भी बनता है, जो कफ और खांसी में काम आता है.

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