घाटी तक ट्रेन पहुंचने का सपना अब पूरा ही होने वाला है। रविवार को संगलदान और रियासी के बीच ट्रेन का ट्रायल रन किया गया। पहली बार चिनाब नदी पर नए दुनिया के सबसे ऊंजे रेलवे ब्रिज से होकर ट्रेन रियासी पहुंची।
बता दें कि इस पुल की ऊंचाई 359 मीटर है जो कि एफिल टावर से भी 35 मीटर ऊंचा है। बता दें कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीनगर पहुंचने वाले हैं। इससे पहले रेलवे ने यह बड़ी सफलता हासिल की है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, संगलदान से रियासी तक पहली ट्रायल ट्रेन दौड़ चुकी है। यह ट्रेन चिनाब ब्रिज पार करके रियासी पहुंची। यूएसबीआरएल प्रोजेक्ट के तहत ज्यादातर काम पूरा हो गया है। अब केवल टनल नंबर 1 का थोड़ा काम बाकी है। रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक इस महीने के आखिरी में संगलदान-रियासी सेक्शन में दो दिन जांच की जाएगी।
बता दें कि ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (USBRL) प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 272 किलोमीटर है जिसमें से 209 किलोमीटर कमीशन हो गया है। फिलहाल कन्याकुमारी से कटड़ा तक ट्रेनें चलती हैं। वहीं बारामुला से संगलदान तक भी ट्रेन चलने लगी है। यूएसबीआरएल प्रोजेक्ट के बनिहाल से संगलदान सेक्शन के 48.1 किलोमीटर सेक्शन का उद्घाटन पीएम मोदी ने 20 फरवरी को किया था। यह प्रोजेक्ट अहम इसलिए है क्योंकि इसके रास्ते में ही चिनाब रेल ब्रिज पड़ता है जो दुनिया के सबसे ऊंचा रेलवे पुल है।
यह पुल स्टील आर्क का बना हुआ है। यह ब्रिज 1.3 किलोमीटर लंबा है। इस रूट पर इलेक्ट्रिक इंजन का सफल परीक्षण किया गया है। 30 जून को इस रूट पर ट्रेन ऑपरेट हो सकती है। ऊधमपुर से सांसद और बीजेपी के मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि जल्द ही इस ब्रिज पर रेल सेवा शुरू हो जाएगी। इस साल के अंत तक इस रेल लिंक प्रोजेक्ट का काम पूरा हो जाएगा।
1st trial train between Sangaldan to Reasi. pic.twitter.com/nPozXzz8HM
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) June 16, 2024