टेलिकॉम जगत में दो टेलिकॉम कंपनियों रिलायंस जियो और एयरटेल का दबदबा मौजूद है। हालांकि सरकार ने जियो और एयरटेल को टक्कर देने के लिए सरकार ने एक बड़ा प्लान बनाया है, जिसके तहत बीएसएनएल को पहले से ज्यादा मजबूत बनाया जाएगा। इसके लिए स्वतंत्र तौर पर काम करने सरकारी टेलिकॉम कंपनी MTNL को BSNL के साथ मर्ज किया जा सकता है।
MTNL नहीं करेगी स्वतंत्र तौर पर काम
दरअसल MTNL लगातार नुकसान में जा रही थी। सरकार को MTNL के 30,000 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान करना है। इस भुगतान के बाद MTNL का पूराकाज भारत संचार निगम (बीएसएनएल) को दे दिया जाएगा। रिपोर्ट की मानें, तो फिलहाल MTNL कंपनी को बंद करने का कोई प्लान नहीं है, लेकिन कंपनी स्वतंत्र तौर पर काम नहीं करेगी।
कर्मचारियों का क्या होगा?
अब सवाल उठता है कि आखिर एमटीएनएल के कर्मचारियों का क्या होगा? तो बता दें कि उसमें करीब 3000 कर्मचारी काम कर रहे हैं। इन सभी कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) पेश की जा सकती है। या फिर उन्हें बीएसएनएल में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
क्या होगा फायदा?
रिपोर्ट के मुताबिक बीएसएनएल में एमटीएनएल के मर्जर से लोगों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी। साथ ही बीएसएनएल का बुनियादी ढ़ांचा पहले से मजबूत होगा। बता दें कि मौजूदा वक्त में एमटीएनएल दिल्ली और मुंबई में अपनी सर्विस ऑफर करती है, जबक बाकी पूरे देश में बीएसएनएल अपनी सर्विस देता है।
जियो और एयरटेल को मिलेगी टक्कर
बीएसएनएल और एमटीएनएल दोनों प्राइवेट टेलिकॉम सर्विस के मुकाबले में पिछड़ रही हैं। देश में 4G और 5G नेटवर्क रोलआउट होने के बाद प्राइवेट और सरकारी टेलिकॉम सर्विस में साफ अंतर देखा जा सकता है। लेकिन अब सरकार बेहतर प्रबंधन और वित्तीय देखरेख से बीएसएनएल को प्राइवेट कंपनियों जैसे जियो और एयरटेल के मुकाबले में एक दमदार ऑप्शन के तौर पर पेश करने की योजना बना रही है।
बीएसएनएल ग्राहक बढ़ने की उम्मीद
जियो और एयरटेल के रिचार्ज बढ़ने के बाद यूजर्स बीएसएनएल की तरफ रुख कर रहे हैं। ऐसे वक्त में अगर बीएसएनएल पर ध्यान दिया जाता है, तो बेहतर परिणाम मिल सकते हैं, जो बीएसएनएल लगातार अपने ग्राहक खो रही हैं, उसमें इजाफा हो सकता है।
खिसक रही मार्केट हिस्सेदारी
इस साल अप्रैल के अंत में बीएसएनएल का मार्केट शेयर 7.46% था। इसी दैरान एमटीएनएल का मार्केट शेयर 0.16 फीसद रहा। रिलायंस जियो की हिस्सेदारी 40.4 फीसद और भारती एयरटेल 33.12 फीसद रही, जबकि वोडाफोन आइडिया का मार्केट शेयर 18.77 फीसद था।