नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी के पॉश इलाके ओल्ड राजेंद्र नगर में शनिवार शाम को बेहद दर्दनाक घटना सामने आई। यहां एक नामी आईएएस कोचिंग सेंटर (RAU’s IAS Study Circle) के बेसमेंट में अचानक नाले का गंदा पानी घुसने से तीन स्टूडेंट्स की मौत हो गई। मृतकों में दो छात्राएं और एक छात्र शामिल हैं। जान गंवाने वाले तीन स्टूडेंट केरल, तेलंगाना और यूपी के रहने वाले थे। सभी शवों को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया शवगृह में रखा गया है। कोचिंग सेंटर में तीन स्टूडेंट्स की दर्दनाक मौत से छात्रों में आक्रोश है। विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गया है। उधर पुलिस प्रशासन इन छात्रों को समझाने में जुटा है।
यही नहीं पुलिस ने राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर बेसमेंट हादसे में इसके मालिक और को-ऑर्डिनेटर हिरासत में लिया है। साथ ही अधिकारियों ने ये भी कहा है कि जो भी जिम्मेदार होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उधर दिल्ली सरकार ने मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। फिलहाल सरकार और प्रशासन घटना की जांच और एक्शन में जुटी है। लेकिन हर किसी के मन में ये सवाल जरूर होगा कि आखिर बड़े कोचिंग सेंटर में ऐसी घटना हुई कैसे। मरने वाले छात्र कोई छोटे बच्चे तो थे नहीं, फिर वो बाहर क्यों नहीं निकल सके? क्या कोचिंग सेंटर में जरूरी नियमों का ध्यान नहीं रखा गया था? आखिर कोचिंग के बेसमेंट में अचानक इतना पानी कैसे आ गया? आइये समझते हैं पूर मामला।
कोचिंग के बेसमेंट में कब और कैसे घुसा पानी
दिल्ली अग्निशमन विभाग (DFS) के मुताबिक, शनिवार शाम करीब सात बजे ‘राव आईएएस स्टडी सर्कल’ कोचिंग सेंटर में जलभराव की सूचना मिली थी। मध्य दिल्ली के पुलिस उपायुक्त एम. हर्षवर्धन ने भी बताया कि हमें शाम सात बजे एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में पानी भर जाने की सूचना आई। कॉल करने वाले ने ये भी बताया कि वहां कुछ लोगों के फंसे होने की आशंका है। इसी के बाद पुलिस और दूसरी टीमों ने मौके पर पहुंचकर राहत बचाव शुरू किया। हर किसी के मन में यही सवाल था कि पूरा बेसमेंट पानी से कैसे भर गया।
बेसमेंट में छात्रों के रेस्क्यू के लिए पहले रस्सी का इस्तेमाल
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिस समय कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी घुसा वहां करीब 35 छात्र-छात्राएं मौजूद थे। बेसमेंट में लाइब्रेरी बनी थी तो वे वहीं पढ़ाई कर रहे थे। जैसे ही सूचना मिली तो पुलिस और फायर ब्रिगेड कर्मियों ने बेसमेंट में फंसे लोगों को निकालना शुरू किया। अधिकारियों ने बताया कि बेसमेंट में फंसे हुए स्टूडेंट्स को बाहर निकालने के लिए पहले रस्सियों का इस्तेमाल किया गया।
हालांकि, बेसमेंट में जलजमाव इतना ज्यादा था कि रेस्क्यू ऑपरेशन में बहुत टाइम लग गया। पहले दमकल की पांच गाड़ियां मौके पर भेजी गईं थीं। हालांकि, मामला गंभीर नजर आने के बाद एनडीआरएफ की टीम को भी मौके पर बुलाया गया। एनडीआरएफ की टीम के आने पर बेसमेंट से पानी को फ्लश आउट का काम शुरू हुआ। यही नहीं गोताखोरों की भी मदद ली गई। जिससे कोचिंग सेंटर की लाइब्रेरी में फंसे छात्रों को जल्द से जल्द रेस्क्यू किया जा सके।
400 गज में बना है कोचिंग सेंटर, सामने आई बड़ी लापरवाही
हालांकि, इस दौरान कोचिंग मैनेजमेंट की लापरवाही का भी चौंकाने वाला खुलासा हुआ। दरअसल, जिस जगह बेसमेंट में ये लाइब्रेरी बनी थी वहां आने-जाने का एक ही रास्ता था। पूरा कोचिंग सेंटर करीब 400 गज में बना है। हालांकि, लाइब्रेरी से बाहर निकलने के लिए सीढ़ियों के जरिए एक ही रास्ता था। शायद इसी वजह से अचानक गंदा पानी जब सेंटर में घुसा तो छात्रों को बचकर निकलने का मौका नहीं मिला।
छात्रों ने रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी का लगाया आरोप
छात्रों ने रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी का लगाया आरोप
कई छात्रों ने आरोप लगाया कि रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने में भी देरी हुई। पहले तो कोचिंग सेंटर ने मामले को दबाने की कोशिश की। हालांकि, स्थिति बिगड़ने पर पुलिस और दमकल विभाग को सूचना दी गई। यही वजह है कि शाम 7 बजे दमकलकर्मियों को सूचना मिली। हालांकि, जब तक रेस्क्यू शुरू होता तो छात्रों के मौत की सूचना आने लगी। अधिकारियों के मुताबिक, एनडीआरएफ, स्थानीय पुलिस और अग्निशमन विभाग की ओर से चलाए गए बचाव अभियान में दो छात्राओं और एक छात्र के शव मिलने की पुष्टि की गई है।
छात्रों ने उठाए सरकार पर सवाल
कोचिंग सेंटर की लाइब्रेरी में छात्रों की मौत पर स्टूडेंट्स में आक्रोश है। उन्होंने सरकार और प्रशासन पर निशाना साधा है। एक छात्र ने कहा कि सरकार से कोई आगे क्यों नहीं आता। जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है। हम चाहते हैं कि सरकार से कोई यहां आए और उन सभी छात्रों की जिम्मेदारी ले जो अपनी जान गंवा चुके हैं। वे अपने एसी कमरों से ट्वीट करके या चिट्ठी लिखकर किसी का भविष्य कैसे सुधार रहे हैं?