भारतीय चंदन को विश्व भर में काफी पसंद किया जाता है. चंदन के पेड़ का अलग आर्थिक महत्व भी है. चंदन की लकड़ी बेहद महंगे दामों पर बिकती. भारत में चंदन ज्यादातर कर्नाटक के जंगलों में मिलता है. इसके अलावा भारत के अन्य भागों में भी कहीं-कहीं पाया जाता है. हालांकि, अब किसान खेती के साथ-साथ चंदन की खेती भी करने लगे हैं. चंदन की खेती किसानों के लिए बेहद फायदे का सौदा हो सकता है.
गार्डनिंग एक्सपर्ट ने बताया कि चंदन की लकड़ी की डिमांड विश्व भर में होती है. चंदन का इस्तेमाल आयुर्वेद के अलावा ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाने में भी किया जाता है. चंदन की खेती से किसान कुछ ही सालों में मालामाल हो सकते हैं. खास बात यह है कि किसान इसको पूरे खेत में भी लगा सकते हैं. चाहे तो खेत के किनारे लगाकर खेत के अंदर दूसरी फैसले उगा सकते हैं. चंदन के एक पेड़ से 5 लाख से 6 लाख रुपए तक की कमाई होती है.
चंदन की खेती करने के लिए एक एकड़ में करीब 600 पौधे लगाए जा सकते हैं. चंदन का पौधा तैयार होने में करीब 12 साल का वक्त लगता है. इससे 15 से 20 किलो लकड़ी का उत्पादन मिलता है जिससे किसानों को 30 करोड़ रुपए तक की कमाई हो सकती है. चंदन का पेड़ लगाने के लिए इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिस खेत में चंदन की खेती कर रहे हैं वहां जल निकासी बेहतर होनी चाहिए. जल भराव वाले खेत में चंदन के पेड़ नहीं लगाए जा सकते. चंदन के पेड़ को लगाते समय उसके साथ होस्ट का पौधा भी लगाना चाहिए.
चंदन के पौधे की बेहतर ग्रोथ के लिए होस्ट का पौधा 4 फुट से 5 फुट की दूरी पर लगा देना चाहिए. होस्ट के पौधे की जड़ें चंदन की जड़ों से जाकर मिलती है तो चंदन का पौधा तेजी से विकास करता है. गार्डनिंग एक्सपर्ट मोहम्मद आलम ने बताया कि चंदन के एक पौधे से 15 किलो से 20 किलो लकड़ी मिलती है. किसान इसका पौधा नर्सरी से 100 रूपए से 120 रुपए प्रति पौधे के हिसाब से खरीद सकते हैं. इसके अलावा इसके साथ लग जाने वाले होस्ट के एक पौधे की कीमत 50 रुपए से 60 रुपए तक रहती है.
चंदन के पौधे की उम्र जब 8 साल हो जाए तो उसको सुरक्षित करना पड़ता है. क्योंकि उसके पौधे से खास तरह की सुगंध निकलने लगती है. जिसकी वजह से कई बार जानवर इसको खाकर नष्ट भी कर सकते हैं. जिसके लिए किसानों को घेराबंदी कर खेत को सुरक्षित कर लेना चाहिए.