केंद्र सरकार ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर आतंकवाद प्रभावित जम्मू क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने के लिए ओडिशा (मलकानगिरी) से 2,000 से अधिक जवानों वाली दो बीएसएफ बटालियनों को वापस बुलाने का आदेश दिया है.
गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, शुरुआती चरण में बीएसएफ की दो बटालियनों को जम्मू-कश्मीर के रियासी, किश्तवाड़, कठुआ के इलाकों में भेजा जा रहा है. कुछ दिनों बाद करीब 2000 जवानों वाली दो बटालियनों को जम्मू क्षेत्र में भेजा जाएगा. सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाकर सरकार का उद्देश्य जम्मू क्षेत्र में बढ़ती आतंकी घटनाओं को रोकना है.
हाल के समय में जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाएं बढ़ने लगी हैं. शनिवार को कुपवाड़ा में आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में जवानों ने एक आतंकी को ढेर कर दिया. मुठभेड़ में चार जवान घायल हुए, जिनमें एक मेजर रैंक के अधिकारी भी हैं. एक जवान शहीद हो गया.
मुठभेड़ पर भारतीय सेना की तरफ से बयान भी आया है. सेना ने बताया कि उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में माछिल सेक्टर स्थित कामकारी में फॉर्वर्ड पोस्ट पर अज्ञात कर्मियों के साथ गोलीबारी हुई. सेना के मुताबिक, इस गोलीबारी में एक पाकिस्तानी मारा गया है, जबकि घायल जवानों को मौके से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया.
सेना चला रही एंटी टेरर ऑपरेशन
सुरक्षा बलों को कुपवाड़ा में आतंकियों के छिपे होने की पहले ही जानकारी मिली थी. यहां पिछले कई दिनों से सेना एंटी टेरर ऑपरेशन चला रही है. कहा जा रहा है कि यह पाकिस्तान की तरफ से किया गया एक BAT अटैक है. मसलन, BAT का मतलब होता है बॉर्डर एक्शन टीम, जिसमें पाकिस्तानी सेना के कमांडो और आतंकी शामिल होते हैं. ये लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LoC) पर घुसपैठ करते हैं.
क्या है BAT?
माना जाता है कि हमले में शामिल BAT टीम में पाकिस्तान सेना के नियमित जवान शामिल होते हैं, जिसमें उनके SSG कमांडो भी शामिल हैं, जो आतंकवादी संगठनों के साथ मिलकर काम करते हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, 50-55 आतंकवादी 2-3 आतंकवादियों के छोटे समूहों में काम कर रहे हैं, जिन्हें कथित रूप से लोकल लेवल पर समर्थन मिलता है.