जांजगीर-चाम्पा. छत्तीसगढ़ की संस्कृति में भोजली तिहार का अपना एक अलग ही महत्व है लेकिन जिले के अधिकतर गांव ऐसे हैं। जहाँ लोग भोजली तिहार को नहीं मनाते और आज की नई पीढ़ी इस पर्व को भूल रहे हैं। खैर कोई बात नहीं। जिले के जैविक कृषि ग्राम बहेराडीह में भोजली तिहार को महोत्सव के रूप में मनाते हैं। जहाँ भोजली प्रतियोगिता आयोजित किया जाता है और पहला, दूसरा, तीसरा और सांत्वना पुरस्कार भी दिया जाता है। इतना ही नहीं बल्कि महिलाओं को नागपंचमी तिहार के एक दिन पहले ही भोजली के लिए गेंहू बीज भी वितरित किया जाता है।
कार्यक्रम आयोजक समाजसेवी डॉ सुरेश कुमार देवांगन ने बताया कि भोजली तिहार को एक महोत्सव के रूप में मनाया जाएगा। महोत्सव की तैयारी को लेकर वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल बहेराडीह में बिहान की महिलाओं की बैठक ली गई और भोजली के लिए गेंहू बीज का वितरण किया गया। समाजसेवी डॉ सुरेश कुमार देवांगन ने आगे बताया कि 20 अगस्त को भोजली तिहार धूमधाम से मनाया जाएगा और भोजली प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी को 1001 रुपये नगद राशि के साथ प्रशस्ति पत्र के साथ सम्मानित किया जाएगा। इसी तरह दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी को नगद 701 रुपये के साथ प्रशस्ति पत्र, तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी को नगद 501 रुपये तथा प्रशस्ति पत्र और तीन प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार के रुप में प्रत्येक को नगद 101 रुपये के साथ प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।
बिहान नारी शक्ति महिला ग्राम संगठन की सचिव और लखपति दीदी पुष्पा यादव ने बताया कि भोजली प्रतियोगिता की शुरुआत दो साल पहले बलौदा जनपद की उपाध्यक्ष नम्रता राघवेंद्र नामदेव ने अपने गोद ग्राम बहेराडीह में शुरू कराई थी।लेकिन अब प्रतिवर्ष भोजली तिहार को यहाँ पर भब्य रूप में मनाई जाती है।
बैठक में किसान स्कूल के संचालक दीनदयाल यादव, डॉ,हेमित बैनर्जी, डॉ रामदयाल यादव, उपसरपंच चन्दा सरवन कश्यप, सक्रिय महिला ललिता यादव, नारी शक्ति महिला ग्राम संगठन के सचिव व लखपति दीदी पुष्पा यादव, गंगे मईय्या स्व सहायता समूह की रामबाई यादव, साधना यादव, उर्मिला यादव, सुख़रीकला गांव के सक्रिय महिला नहर बाई यादव,लक्ष्मीन बरेठ, उमा करियारे तथा अन्य बिहान समूह की महिलायें बड़ी संख्या में उपस्थित थी।