दबंग IPS शिवदीप लांडे को देख हुई पुलिस में जाने की इच्छा, अब BPSC टॉप करके उज्ज्वल बने डीएसपी

बिहार 69वीं बीपीएससी का परिणाम मंगलवार (26 नवंबर) को जारी हो चुका है. इस बार 470 अभ्यर्थियों को सफलता मिली है. सीतामढ़ी जिले के रहने वाले उज्ज्वल कुमार स्टेट टॉपर बने हैं. लोकल 18 ने उज्ज्वल से खास बातचीत की है. उन्होंने अपनी सफलता की दास्तां खुद सुनाई है.



 

 

बीपीएससी (BPSC) ने 69वीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा का रिजल्ट मंगलवार (26 नवंबर) को जारी कर दिया गया है. बिहार के सीतामढ़ी जिले के रहने वाले उज्ज्वल कुमार स्टेट टॉपर बने हैं. खास बात यह है कि वर्तमान में वैशाली जिले के ग़ोरौल में बतौर प्रखंड कल्याण पदाधिकारी के रूप में तैनात उज्ज्वल ने कभी कोई कोचिंग या ट्यूशन नहीं किया बल्कि सेल्फ स्टडी कर हिंदी माध्यम से बिहार में टॉप कर सफलता का परचम लहरा दिया है.

 

 

 

शिक्षक पिता और आंगनबाड़ी सेविका मां के सबसे बड़े पुत्र उज्ज्वल की प्रारंभिक शिक्षा रायपुर गांव में ही हुई. उज्ज्वल कहते हैं कि उनकी 10वीं और 12वीं पढ़ाई सीतामढ़ी से हुई है. आगे की पढ़ाई और जेईई मेंस की तैयारी के लिए वो पटना चले गए. इस दौरान पटना के सिटी एसपी शिवदीप लांडे थे. लांडे सर की वर्किंग स्टाइल को देखते हुए, उनका आकर्षण सिविल सर्विस की ओर हुआ. हालांकि, उस समय मेरा लक्ष्य इंजीनियर बनना ही था. इसके लिए उज्ज्वल ने एनआईटी उत्तराखंड से इंजीनियरिंग की. प्लेसमेंट होने के बाद उन्हें समझ में आया कि वो प्रशासनिक सेवा में ज्यादा सफल हो सकते हैं.

 

 

इसके बाद सिविल सेवा की भी तैयारी की लेकिन सफलता नहीं मिली. इसके बाद उन्होंने बीपीएससी 67वीं में भाग लिया और पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर प्रखंड कल्याण पदाधिकारी बने. इस बीच उन्होंने 68 वीं बीपीएससी परीक्षा भी दी और सफलता भी मिली लेकिन रैंक बढ़िया नहीं मिला और डीएसपी का पोस्ट नहीं मिला, इसलिए उज्ज्वल ने उसे छोड़ दिया.

 

 

 

लगातार प्रयास के बाद आखिरकार उज्जवल का सपना साकार हुआ और फाइनल रिजल्ट आते ही उज्ज्वल पूरे बिहार में टॉप कर डीएसपी बन गए है. उज्ज्वल ने बताया कि इस दौरान उनके परिवार और दोस्त का पूरा स्पोर्ट मिला जिस कारण आज उन्हें यह सफलता मिली है. उज्ज्वल ने मीडिया  को बताया कि तैयारी कैसे की जाती है और उन्होंने किस तरह एक नहीं बल्कि तीन तीन बार बीपीएससी परीक्षा को क्रैक किया है.

 

उज्ज्वल कहते हैं कि जॉब के बाद भी समय निकाल कर पढ़ाई करते थे. जॉब के दौरान कब फोन आ जाए कहा जाना पड़ता है इसकी कोई ठीक नहीं रहता है. इसके बावजूद भी उन्होंने पढ़ाई को नहीं छोड़ा. उज्ज्वल कहते हैं कि जरूरी नहीं है कि आप दिन रात पढ़ाई करें, लेकिन ये ज्यादा जरूरी है कि आप कितना पढ़ाई करते हैं.

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