भारत और रूस मिलकर बनाई गई ब्रह्मोस मिसाइल के प्रति दुनिया दिलचस्पी दिखा रही है, खासकर फिलीपींस की चीन के खिलाफ बढ़ती आक्रामकता के कारण। अब वियतनाम, इंडोनेशिया और संयुक्त अरब अमीरात इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की खरीद पर विचार कर रहे हैं।
ब्रह्मोस एयरोस्पेस के संयुक्त प्रबंध निदेशक अलेक्जेंडर बी. माकसिचेव ने बताया कि इन देशों ने मिसाइल में रुचि दिखाई है और इसके लिए संभावित समझौतों पर बातचीत चल रही है
ब्रह्मोस मिसाइल की गति और सटीकता के लिए इसकी विश्वभर में पहचान है और इसे भारत के डीआरडीओ और रूस के एनपीओ मशिनोस्ट्रॉयेनिया ने मिलकर बनाया गया है। फिलीपींस ने 2022 में भारत के साथ 37.5 करोड़ डॉलर का समझौता किया था और उसे एंटी शिप ब्रह्मोस मिसाइल की आपूर्ति की गई है।
भारत और रूस हाइपरसोनिक ब्रह्मोस 2 पर भी काम कर रहे हैं, जो मैक 6 की गति से हमला करने में सक्षम होगी। वियतनाम और इंडोनेशिया चीन की बढ़ती आक्रामकता का सामना कर रहे हैं, जबकि यूएई ईरान के खतरे से परेशान है, जिससे ये देश ब्रह्मोस मिसाइल की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
बता दें कि यूएई और इंडोनेशिया भारत को इस हथियार को पाने के लिए मुंह मांगी कीमत देने को तैयार हैं। अब देखना ये है कि ये देश भारत के साथ कब डील करते हैं।