IPS Kewal Khurana: पढ़ने-पढ़ाने के शौकीन थे खुराना, तैनाती के साथ जारी रखा पढ़ाना ; 16 से ज्यादा को बनाया आइपीएस

IPS Kewal Khuran वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी केवल खुराना न केवल पढ़ने बल्कि पढ़ाने के भी शौकीन थे। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान लगातार कोचिंग क्लास जारी रखी और 16 से अधिक छात्रों को आईपीएस अधिकारी बनाया। आइपीएस अधिकारी केवल खुराना जब कमांडेंट होमगार्ड थे तो उन्होंने होमगार्ड जवान व उनके बच्चों को आइपीएस अधिकारी बनाने का बीड़ा उठाया था। उन्होंने होमगार्ड मुख्यालय के अंदर ही कोचिंग क्लास शुरू की थी।



 

 

 

सोबन सिंह गुसांई, देहरादून।

वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी केवल खुराना को न सिर्फ पढ़ने, बल्कि पढ़ाने का भी जुनून था। उनकी तैनाती जहां भी रही, उन्होंने कोचिंग क्लास जारी रखी। खाली समय में वह बच्चों को सिविल सर्विसेज की तैयारी करवाते थे। अब तक उनके पढ़ाए हुए 16 से अधिक छात्र आइपीएस अधिकारी बन चुके हैं।

 

 

मूलरूप से उत्तर प्रदेश के बदायूं निवासी केवल खुराना व्यवसायी परिवार से थे। 20 से 25 वर्ष पहले तक उनके गांव में कोई आइपीएस अधिकारी नहीं था। तब उन्होंने सिविल सेवा में जाने का निर्णय लिया और परीक्षा की तैयारी के लिए वर्ष 2002 में दिल्ली चले गए।

 

 

हालांकि, सही मार्गदर्शन न मिल पाने के कारण उनका डेढ़ वर्ष खराब हुआ, लेकिन मन में ठान चुके थे कि सफल होकर दिखाना है और वर्ष 2004 में उनका चयन आइपीएस के लिए हो गया।

 

 

 

जुलाई 2004 से उनका लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी में प्रशिक्षण शुरू होना था। इस बीच जो समय मिला, उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी कर रहे बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया। इनमें से कुछ बच्चों का चयन हुआ तो पढ़ाने का शौक और जागा।

 

 

प्रशिक्षण के बाद खुराना देहरादून, हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर व टिहरी में पुलिस अधीक्षक यातायात व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्पेशल टास्क फोर्स के साथ यातायात निदेशालय में भी तैनात रहे, लेकिन युवाओं का पढ़ाने का जुनून कायम रहा। वह, जहां-जहां भी तैनात रहे युवाओं को सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करवाते रहे। वर्तमान में देश के विभिन्न स्थानों पर तैनात 16 आइपीएस अधिकारी ऐसे हैं, जिन्हें उन्होंने पढ़ाया था।

 

 

 

होमगार्ड में कमांडेंट रहते हुए छात्रों को कोचिंग देते आइजी केवल खुराना।
आइपीएस अधिकारी केवल खुराना जब कमांडेंट होमगार्ड थे तो उन्होंने होमगार्ड जवान व उनके बच्चों को आइपीएस अधिकारी बनाने का बीड़ा उठाया था। उन्होंने होमगार्ड मुख्यालय के अंदर ही कोचिंग क्लास शुरू की थी, जहां उनके पास 210 जवान व उनके बच्चे कोचिंग लेने आते थे।
जवान व उनके बच्चों को कोचिंग दिलाने के लिए उन्होंने कुछ गाइड भी रखे हुए थे, जो कि आनलाइन क्लास देते थे। स्वास्थ्य ठीक न होने के बावजूद उन्होंने कोचिंग क्लास निरंतर जारी रखी। हालांकि, स्वास्थ्य अधिक खराब होने पर शासन ने उन्हें आइजी प्रशिक्षण पद पर तैनात कर दिया।

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