जांजगीर-चाम्पा. फरसवानी-लखाली नहर इस समय बदहाल है और इसी नहर से सिवनी, बालपुर, बहेराडीह, जाटा, सारागांव, देवरी समेत सैकड़ों गाँव के किसानों की खेतों की सिंचाई होती है। जगह जगह नहर टूटी हुई है। फिर भी सम्बंधित विभाग बेखबर है। वहीं किसानों की समस्या से क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को सरोकार नहीं है। वैसे देखा जाय, तो प्रदेश में इस जिले को सिंचित जिला के नाम से पहचाना जाता है। मगर जिले की अधिकतर नहर माइनर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहीं हैं।
इस सम्बन्ध में बहेराडीह के प्रगतिशील किसान व वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल के संचालक दीनदयाल यादव ने बताया कि चाम्पा सिवनी से लगे फरसवानी लखाली नहर से सिवनी समेत बालपुर, रीवाँपार, दर्राभाठा,उमरेली, नवापारा, अमलडीहा, सिधरामपुर, सुखरीखुर्द, सुखरीकला, बघौदा, कड़ारी, कुम्हारी कला, दारंग, बहेराडीह, जाटा, कोसमंदा, कमरीद, देवरी, अमरुआ, सरागांव, चोरिया, सरवानी, लखाली, लखुर्री और सैकड़ों गाँव के किसानों की खेती इसी नहर से होती है। मगर इस नहर का लम्बे समय से मरम्मत का काम नहीं होने से बरसात में बारिश और बांध के पानी के उच्च दबाव के कारण जर्जर नहर जगह जगह टूट जाती है। जिससे बार बार नहर को बंद करना पड़ता है।
किसानों को खेती में सिचाई ब्यवस्था को लेकर प्रतिवर्ष होने वाली समस्या से न तो सिचाई विभाग को मतलब है और न ही क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को। लम्बे समय से फरसवानी लखाली नहर का मरम्मत कार्य नहीं होने और खेतों में नियमितएवं पर्याप्त मात्रा में सिचाई नहीं होने से शासन और प्रशासन के प्रति किसानों में आक्रोश ब्याप्त है