



रायपुर. ग्रामीण युवाओं को निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार और आजीविका से जोड़ने वाली देश की महत्त्वपूर्ण योजना आरसेटी – रूरल सेल्फ इमलायमेंट ट्रेनिंग इंटिटूटस के प्रभावी संचालन और राज्यों के बीच समन्वय बढ़ाने के उद्देश्य से दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन माइरा रिसोर्ट, रायपुर (छत्तीसगढ़) में किया गया।
इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय, छत्तीसगढ़ शासन और देशभर के सभी राज्यों के स्टेट डायरेक्टर, स्टेट कंट्रोलर, एसआरएलएम के नोडल अधिकारी शामिल हैं।
यह देशभर में बैंकों और राज्य सरकारों द्वारा मिलकर संचालित किया जाता है।
प्रशिक्षण पूरी तरह निःशुल्क, आवासीय और व्यवहारिक होते हैं।
युवा प्रशिक्षण के बाद स्वयं का छोटा व्यवसाय, सेवा-आधारित काम या सूक्ष्म उद्यम शुरू करने में सक्षम बनते हैं।
इसमें कृषि, निर्माण, सेवा, व्यापार, कौशल आधारित 50+ व्यावसायिक ट्रेड पर प्रशिक्षण दिया जाता है। योजना का उद्देश्य है कि “ग्रामीण गरीब युवाओं को रोजगार खोजने वाला नहीं, बल्कि रोजगार देने वाला बनाना। कार्यक्रम की अध्यक्षता: संयुक्त सचिव (ग्रामीण कौशल),एमओआरडी पंकज यादव ने किया।
दो दिवसीय कार्यक्रम का नेतृत्व एवं मार्गदर्शन ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त सचिव (ग्रामीण कौशल) पंकज यादव ने किया। उन्होंने कहा कि आरसेटी देश के ग्रामीण युवाओं में सतत आजीविका की नींव स्थापित कर रहा है। प्रशिक्षण मॉड्यूल को वर्तमान तकनीक, डिजिटल टूल्स और गाँवों की आवश्यकताओं के अनुरूप उन्नत करना समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हर राज्य को चाहिए कि वह स्थानीय उद्योगों, बाजार की माँग और युवाओं की आकांक्षा के आधार पर नए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम विकसित करे।
कार्यक्रम का पहला दिन उद्घाटन ग्रामीण विकास विभाग के सचिव भीम सिंह आईएस ने किया।
इस अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि ग्रामीण युवाओं को सरकारी निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण उपलब्ध कराने में आरसेटी के योगदान की सराहना की।
राज्य में “कोई लाभार्थी पीछे न रह जाए” की नीति के अंतर्गत आरसेटी के कार्य को प्रभावी बताया।
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छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में खुलेगी आरसेटी,
उन्होंने आगे बताया कि छत्तीसगढ़ में आरसेटी की संख्या 18 से बढ़कर 27 हो गई है और जल्द ही सभी जिलों में आरसेटी स्थापित होंगे।
उन्होंने प्रशिक्षण के माध्यम से हजारों युवाओं के जीवन में आए परिवर्तन की प्रशंसा की। ग्रामीण कौशल (एमओआरडी) के निदेशक राजप्रिय सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने आरसेटी योजना के संचालन में देशभर में उत्कृष्ट उदाहरण (बेस्ट प्रेक्टिस) स्थापित किया है।
विशेष रूप से रूरल मेसन (ग्राम मज़दूर/राजमिस्त्री) प्रशिक्षण में छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी है। उन्होंने आगे कहा कि प्रशिक्षण को इस प्रकार डिजाइन करना जरूरी है कि यह ग्रामीण बीपीएल युवाओं की वास्तविक ज़रूरत और बाज़ार के अवसरों से सीधे जुड़ा हो।
कार्यक्रम के दूसरे दिन के सत्र में पीएमएवाय –जी छत्तीसगढ़ के निदेशक आईएस तरण प्रकाश सिन्हा, एसआरएलएम छत्तीसगढ़ के मिशन निदेशक अश्विनी देवांगन ने आरसेटी –एसआरएलएम –पीएमएवाय जी के समन्वित कार्य और भविष्य की दिशा पर अपना दृष्टिकोण साझा किया। उन्होंने कहा कि आरसेटी योजना ग्रामीण परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और इसे राज्य शासन पूर्ण समर्थन देता रहेगा। सभी राज्यों ने प्रगति रिपोर्ट और भविष्य की योजना प्रस्तुत की
दो दिनों तक चले इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में भारत के सभी राज्यों के प्रतिनिधियों ने अपनी प्रगति रिपोर्ट,भविष्य की रणनीति,और सफल मॉडल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम में स्टेट रूरल लाईवलीहुड मिशन, स्टेट डायरेक्टर ऑफ़ आरसेटी और स्टेट कन्ट्रोलर की उल्लेखनीय भागीदारी रही। समापन सत्र में महानिदेशक, राष्ट्रीय अकादमी ऑफ रूडसेटी, राजू एन. कोरी, तथा राष्ट्रीय निदेशक, आरसेटी, जी. मुरुगेशन ने राज्यों द्वारा किए जा रहे उत्कृष्ट कार्य की सराहना की और आरसेटी नेटवर्क को और अधिक मजबूत बनाने का आश्वासन दिया। आभार कार्यक्रम के सफल आयोजन पर अशोक कुमार सिंह, राज्य निदेशक आरसेटी छत्तीसगढ़,अरुण कुमार सोनी, राज्य नियंत्रक आरसेटी छत्तीसगढ़ ने सभी प्रतिभागियों, मंत्रालय एवं राज्य शासन को कार्यक्रम के प्रति निरंतर समर्थन, मार्गदर्शन और सक्रिय सहभागिता के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।






