Vitamin B12 Rich Foods : ‘साइलेंट किलर’ है Vitamin B12 की कमी, शरीर को कंकाल होने से बचाना है तो खाना शुरू करें ये 10 चीजें

नई दिल्ली. शरीर को स्वस्थ रखने और उसके बेहतर कामकाज के लिए आयरन, कैल्शियम और प्रोटीन की तरह विटामिन बी12 की भी सख्त जरूरत होती है। इसकी कमी के बिना शरीर कमजोर और बीमार हो सकता है। भारत में रुषों और महिलाओं दोनों में विटामिन बी12 की कमी एक साइलेंट महामारी के रूप में उभर रही है। इसका सबसे बड़ा कारण खाने-पीने और रहन-सहन से जुड़ी खराब आदतें हैं।



विटामिन बी12 क्या है? विटामिन बी12 को कोबालामिन भी कहा जाता है। यह रेड ब्लड सेल्स बनाने, डीएनए बनाने और न्यूरोलॉजिकल हेल्थ के लिए जरूरी है। इसकी कमी से कई प्रकार के लक्षण और स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं हो सकती हैं, जिनमें हल्की थकान और कमजोरी से लेकर गंभीर तंत्रिका संबंधी विकार और एनीमिया तक शामिल हैं।

शरीर में विटामिन बी12 की कमी के कारण

सिर्फ प्लांट बेस्ड फूड्स का सेवन करना
मांस-मछली और अंडे जैसी फूड्स का सेवन नहीं करना
उम्र बढ़ने के साथ शरीर का विटामिन बी12 को सही तरह अवशोषित नहीं कर पाना
पेट और पाचन से जुड़े कई प्रकार के विकार
एसिड रिफ्लक्स के लिए लंबे समय तक दवाओं का इस्तेमाल

विटामिन बी12 की कमी के संकेत और लक्षण

विटामिन बी12 की कमी के कारण शरीर में कई संकेत और लक्षण महसूस हो सकते हैं जिनमें थकान, कमजोरी, सुन्नता, झुनझुनी संवेदनाएं और संज्ञानात्मक कठिनाइयां शामिल हैं। इन्हें गलती से अन्य विकारों का लक्षण समझ लिया जाता है, जिससे निदान और उपचार में देरी हो जाती है।

खाने में विटामिन बी12 से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें

न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटीशियन शिखा अग्रवाल शर्मा के अनुसार, खाने में विटामिन बी12 से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करने से आपको इसकी कमी से बचने में मदद मिल सकती है। इसके लिए अपने खाने में चिकन, मटन, मछली, अंडे, बीन्स, दाल, डेयरी उत्पाद, साबुत अनाज, फल और सब्जियां शामिल करें।

सप्लीमेंट्स

अगर खाने-पीने से आपकी विटामिन बी12 की कमी पूरी नहीं हो रही है, तो आप डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स ले सकते हैं। आमतौर पर सप्लीमेंट्स की सलाह उन लोगों को दी जाती है, जो पेट या आंतों से जुड़े विकारों का सामना कर रहे होते हैं।

रूटीन स्क्रीनिंग और टेस्ट भी हैं जरूरी

अगर आपको लगता है कि आप विटामिन बी 12 की कमी के जोखिम वाले लोगों में शामिल हैं, तो आपको नियमित रूप से स्क्रीनिंग और टेस्ट पर विचार करना चाहिए। खासकर बुजुर्ग, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकार वाले लोग आदि इसकी जांच कराते रहें।

सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियान हैं जरूरी

सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियानों के जरिए विटामिन बी12 की कमी के लक्षणों, जोखिम कारकों और परिणामों के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया जाना चाहिए। इससे इससे पहचानने और इसकी जटिलताओं को रोकने में मदद मिल सकती है।

चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण

प्रभावित व्यक्तियों के लिए समय पर निदान और उचित उपचार की सुविधा के लिए स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को बी12 की कमी को पहचानने और प्रबंधित करने पर निरंतर शिक्षा की आवश्यकता है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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