भारत बनाम जापान के बीच अंडर-19 एशिया कप का मुकाबला शारजाह स्टेडियम में खेला जा रहा है। इस मैच में पहले बैटिंग करते हुए भारतीय टीम की तरफ से कप्तान मोहम्मद अमान का बल्ला जमकर गरज रहा हैं।
मोहम्मद अमान ने 106 गेंदों का सामना करते हुए शतक ठोक दिया हैं। भारत की तरफ से उन्होंने 122 रन की नाबाद पारी खेली। जापान के खिलाफ मोहम्मद अमान ने जिस तरह से तूफानी बैटिंग कर टीम की पारी को संभाला वह वाकई काबिले तारीफ के लायक हैं। वहीं, फैंस उनके बारे में और जानने के लिए काफी बेताब हो गए हैं। आइए आपको बताते हैं 18 साल के मोहम्मद अमान के संघर्षों की कहानी।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले भारतीय खिलाड़ी मोहम्मद अमान ने जापान के खिलाफ खेले जा रहे अंडर-19 एशिया कप मैच में शतक जड़ दिया है। ये सेंचुरी के बाद उनकी खूब तारीफ की जा रही है। बता दें कि मोहम्मद अमान की उम्र अभी 18 साल ही हैं, लेकिन इतनी कम उम्र में उन्होंने जिन-जिन संघर्षों का सामना किया है और हिम्मत नहीं हारते हुए खुद की पहचान बनाई वह प्रेरणादाय रहीं।
मोहम्मद अमान सिर्फ 16 साल के थे, जब उनके सिर से माता-पिता का साया उठ गया था। उनके देहांत के बाद मोहम्मद पर 3 भाई-बहनों की जिम्मेदारी आ गई थी। परिवार की जिम्मेदारी या अपना पैशन दोनों से किसी एक को चुनने में उन्हें बेहद दिक्कत झेलनी पड़ी, लेकिन कहते है ना कि समय से बड़ा बलवान कुछ नहीं होता है।
उन्हें यूपीसीए का साथ मिला और फिर मोहम्मद ने साबित कर दिखाया कि उनमें सही मैं कुछ पाने का जज्बा है। पहले भारत की अंडर-19 एशिया कप टीम के लिए वह सेलेक्ट हुए और बाद में उन्हें टीम की कमान भी सौंपी गई। 50 ओवर के एसीसी अंडर-19 एशिया कप में उत्तर प्रदेश के मोहम्मद अमान कप्तानी कर रहे हैं। जापान के खिलाफ खेले गए मैच में मोहम्मद ने 106 गेंदों पर शतक ठोका और हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। उनकी तूफानी बैटिंग के दम पर भारतीय टीम ने पहले बैटिंग करते हुए जापान को 340 रन का लक्ष्य दिया है।
16 साल की उम्र में मोहम्मद अमान के सिर से उठा था मां-बाप का साया
16 साल की उम्र में माता-पिता को खोने का दुख क्या होता है ये क्रिकेटर मोहम्मद अमान ही समझ सकते हैं। उनकी मां का देहांत साल 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान हुआ, जबकि उनके पिता जो कि एक ट्रक ड्राइवर थे, उन्होंने कोरोना काल के दौरान अपनी नौकरी गंवा दी और 2 साल तक लंबे बीमारी से जूझने के बाद उनकी भी मृत्यु हो गई।मां-पिता के जाने के बाद पूरे घर की जिम्मेदारी मोहम्मद अमान के सिर पर आ गई। इस मुश्किल दौर में उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें।
इस वक्त जब वह नौकरी की तलाश में थे तो उनकी मुलाकात कोच राजीव गोयल से हुई, जिन्होंने उन्हें एकेडमी में शामिल किया। इसके बाद यूपीसीए ने उनकी मदद की। 18 साल के मोहम्मद को मेहनत का फल मिला, जिन्हें भारत की अंडर-19 टीम का कप्तान बनाया।