जांजगीर-चाम्पा. जिले के छोटे से गांव बहेराडीह में स्थित भारत के पहले वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल का शासकीय नवीन महाविद्यालय सारागांव के छात्रों ने भ्रमण किया. भ्रमण के दौरान छात्रों ने पहली बार छत्तीसगढ़ की 36 प्रमुख भाजियों और चेच भाजी, अमारी भाजी के अवशेष से बनाई गई रंग बिरंगी राखियों के अलावा केला के रेशे, अलसी के डंठल के रेशे से बने कपड़ा को देखकर गदगद हो गए, वहीं छात्रों ने किसान स्कूल में 6 फीट ऊंचाई की धनिया तथा संग्रहालय में बड़ी संख्या में पुरानी विलुप्त चीजों का संरक्षण पहली बार देखाकर खूब प्रभावित हुए.
महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ अंगेश चंद्रा, प्रोफेसर योगेश कुमार साहू, प्रोफेसर देवनारायण सोनन्त और प्रोफेसर संगीता सूर्यवंशी ने बताया कि किसान स्कूल का उनका और उनके छात्रों का पहला भ्रमण कार्यक्रम है, जहां पर कृषि क्षेत्र में सभी प्रकार की गतिविधियों का सफलतापूर्वक संचालन हो रहा है. यहां पर कृषि क्षेत्र में सालों पहले उपयोग में लाए जाने वाले कृषि औजारों के अलावा कई विलुप्त चीजों का बड़े पैमाने पर संरक्षण किया गया है और डेयरी फार्म, जैविक कृषि के साथ ही समन्वित कृषि का मॉडल,अंजोला टैंक, मधुमक्खी पालन जैसे कृषि क्षेत्र में किसानों को दिए जा रहे प्रशिक्षण केंद्र का अवलोकन किया. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में किसानों के लिए अनोखा तरीके से काम कर रहे वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल का सहयोग के साथ साथ भ्रमण, प्रशिक्षण के लिए मिलकर इस दिशा में कार्य करने की बात कही.
इस अवसर पर किसान स्कूल के संचालक दीनदयाल यादव, केंद्रीय रेशम बोर्ड के सलाहकार रामाधार देवांगन, पशु सखी श्रीमती पुष्पा यादव ने कृषि क्षेत्र में समन्वित कृषि प्रणाली को लेकर छात्रों से चर्चा की.
भ्रमण कार्यक्रम में कविता राठौर, नीलम कश्यप, भारती बरेठ, शालू राठौर, दीप्ति सूर्यवंशी, इंदु रात्रे, हेमा सूर्यवंशी, तमन्ना कश्यप, हुनेश्वरी कश्यप, चंचला चौबे, काजल करियारे, संदीप साहू, सुनील सूर्यवंशी, दीपेश कश्यप, किशन राठौर, खिलेश साहू, नवीन यादव, अरुण कुमार सूर्यवंशी, अविनाश महंत, विशु साहू, यशवंत यादव और भागवत यादव प्रमुख रूप से शामिल थे.