



ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल, बनारी जांजगीर में संस्था के संचालक आलोक अग्रवाल, डॉ. गिरिराज गढ़ेवाल एवं प्राचार्य श्रीमती सोनाली सिंह के निर्देशन में राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के अवसर पर 19 नवम्बर 2025 विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम स्कूल में मानसिक स्वास्थ्य एवं कल्याण के प्रति जागरूकता के अंतर्गत संचालित किया गया। इस कार्यशाला के मुख्य अतिथि सर्वविजय अग्रवाल (अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश), श्रीमती प्रियंका अग्रवाल (पंचम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश), प्रवीण मिश्रा (मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी), मनोज कुशवाहा (प्रथम श्रेणी दंडाधिकारी), लक्ष्मी जायसवाल (कार्यालय अधीक्षक विधिक सहायता विभाग) रहे। कार्यक्रम की शुरूआत में सर्वप्रथम आए हुए अतिथियों का तिलक एवं बैच लगाकर स्वागत किया गया।
तत्पश्चात् अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के तैल्य चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम को दिशा प्रदान किया गया। साथ ही संस्था के संगीत शिक्षक हेमंत गंधर्व द्वारा माँ सरस्वती की आराधना गीत प्रस्तुत किया गया। संस्था की वरिष्ठ शिक्षिका श्रीमती मनदीप कौर द्वारा स्वागत भाषण प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम की अगली कड़ी में आये हुए अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ के साथ किया गया। तत्पश्चात् आए हुए अतिथियों को कानूनी जागरूकता से संबंधित जानकारी प्रदान करने के लिए आमंत्रित किया गया। सर्वप्रथम प्रवीण मिश्रा (मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी), द्वारा संस्था को संबोधित करते हुए कहा गया कि भारतीय न्याय व्यवस्था भगवान शिव की तीसरी नेत्र के समान है। साथ ही उन्होंने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम सभी नागरिकों विशेषकर वंचित एवं दुर्बल वर्गो को निःशुल्क और निष्पक्ष न्याय दिलाता है।
तत्पश्चात् श्रीमती प्रियंका अग्रवाल (पंचम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश) जी ने बच्चों को जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि वर्तमान समय में साइबर क्राइम अपने चरम स्थिति पर हैं। और युवा वर्ग इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। महिला उत्पीड़न के विषय में उन्होनें बताया कि भारत में महिला उत्पीड़न से संबंधित कई कानून है। भारतीय न्याय संहिता बच्चे और महिलाओं को न्याय दिलाने को कार्य करता है। आगे उन्होनें कहा कि किशोरावस्था में की गई गलती की सजा पूरे जीवन भर भुगतना पड़ता है। विद्यार्थियों को अपराध से दूर रहने की सलाह दी गई। तत्पश्चात् सर्वविजय अग्रवाल (अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश) ने संस्था को संबोधित करते हुए कहा कि वकील, पुलिस, जज हमारे सहायक होते है। हमें इनसे डरना नहीं चाहिए। राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस का उद्देश्य जनता में कानूनी साक्षरता और जागरूकता बढ़ाना हैं और सभी नागरिकां को विशेषकर कमजोर वर्गों तक मुफ्त निष्पक्ष न्याय पहुंच सुनिश्चित करना है। अन्त में मनोज कुशवाहा (प्रथम श्रेणी दंडाधिकारी) ने संबोधित करते हुए कानून के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होनें बताया कि कानून समाज को नियंत्रित करने, व्यवस्था बनाये रखने और न्याय सुनिश्चित करने के लिए नियमों और विनियमों का एक ढांचा है। यह नागरिकों के लिए मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है।
कानून की जानकारी सभी नागरिकां के आवश्यक है ताकि वे अपने अधिकारों को जान सके और कानूनों का पालन करते हुए सम्मानजनक जीवन जी सके। कार्यक्रम की अगली कड़ी में संस्था की प्राचार्या श्रीमती सोनाली सिंह जी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन में विधिक साक्षरता कार्यक्रम की महत्ता बताई एवं नई युवा पीढ़ी की समाजिक क्रियाकलाप एवं आचार-व्यवहार को स्वीकार्य करने योग्य बनाने की सलाह दी। साथ ही संस्था संचालक आलोक अग्रवाल ने विद्यार्थियों को साइबर क्राईम से दूर रहने की सलाह दी। कार्यक्रम के अंत में संस्था संचालक, प्राचार्या एवं शिक्षकों द्वारा आए हुए अतिथियों का सम्मान श्रीमद् भगवत गीता व रामायण एवं प्रतीक चिन्ह देकर किया गया। सम्पूर्ण कार्यक्रम का मंच संचालन श्रीमती नीलम सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम के सफल संचालन में संस्था के समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं, एडमिन स्टॉफ व ग्रुप डी स्टॉफ का विशेष योगदान रहा।


