Kisaan School : भारत में प्राकृतिक खेती का मॉडल बना किसान स्कूल, शासकीय पूमावि अमरताल के शिक्षकों और छात्र-छात्राओं ने किया शैक्षणिक भ्रमण

जांजगीर-चाम्पा. शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय अमरताल के शिक्षकों ने स्कूली बच्चों को भारत के पहले किसान स्कूल बहेराडीह का भ्रमण कराया, जहां घर की छत के ऊपर कई किस्मों की बागवानी, फूल और छत्तीसगढ़ की 36 प्रकार की एक साथ भाजियों से सुसज्जित मॉडल पहली बार देखा और बाड़ी में विभिन्न प्रकार के फलदार, फूलदार, जड़ वाले पौधे और बायोगैस का उत्पादन, जीवामृत का निर्माण, वर्मीवाश इकाई, अजोला इकाई, हाईटेक मिनी डेयरी का अवलोकन किया.



स्कूल की प्रधान पाठक श्रीमती अरुणा ब्यास मिरी ने बताया कि प्राकृतिक प्रोटीन युक्त पौधा, जो गायों के लिए सबसे उपयोगी है. भारत का पहला किसान स्कूल एक छोटा सा गांव बहेराडीह में स्थित है, जो वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल के नाम पर किसानों द्वारा किसानों के लिए संचालित है. यह स्कूल परिसर प्राकृतिक क़ृषि का आदर्श मॉडल है.

इसे भी पढ़े -  JanjgirChampa Accident Death : बाइक सवार युवक को तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने टक्कर मारी, युवक की हुई मौत, शिवरीनारायण थाना क्षेत्र का मामला

अक्षय चक्र फसल का निर्माण, जो देखते ही बनता है. हर मौसम में हमेशा कुछ न कुछ उगता ही रहता है. मोती का पेड़ देखकर बच्चे बहुत आश्चर्यचकित हुए इस प्रकार रामफल, सीताफल नींबू आम मूनगा नींबू घास को देखकर बच्चे बहुत आनंदित हुए और बहुत कुछ प्रेरणा मिली, जिसकी चर्चा सभी अपने घरों में मजे से कर रहे हैं. सचमुच यह यात्रा हम सब के लिए बहुत ही प्रेरणादाई रही. उन्होंने बताया कि यहां पर भ्रमण से हम सभी को यह सीख मिली कि एक घर और छोटे से जगह में कितना कुछ किया जा सकता है. भारत के एक मात्र किसान स्कूल का निर्माण घर देख कर सभी छात्र छात्राएं और शिक्षक अभिभूत हुए.

भ्रमण में विद्यालय की प्रधान पाठक श्रीमती अरुणा ब्यास मिरी, शिक्षक सूरज भान सिंह मरकाम समेत छात्रा कु संजना खूंटे, दीक्षा टंडन, वर्षा कुर्रे, पूनम जाटवर, भाग्य श्री पाटले, चिंकी यादव, आंचलडहरिया, भावना रात्रे, कल्पना कुर्रे, मनिता निराला, अमन मिरी, हिमेश डहरिया, भुनेश भारद्वाज, ऋतिक, रवि डहरिया, धनंजय, दिपेन्द्र, ब्रजेश कुर्रे, विकास, सागर, सूर्या डहरिया, डेनिश कुर्रे, मोनिका खूंटे आदि छात्र छात्राएं शामिल थे.

error: Content is protected !!