जांजगीर-चांपा. राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना एनजीजीबी के तहत निर्मित गोठानों में साल भर चारा की उपलब्धता बनाए रखने, किसानों को पैरादान करने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश कलेक्टर यशवंत कुमार ने सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, उपसंचालक कृषि, उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं, समस्त जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, गोठान संचालन समिति को दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने विगत वर्ष की तरह इस साल भी 10 दिसम्बर को पैरादान दिवस के रूप में मनाए जाने को लेकर आवश्यक तैयारियां करने कहा है।
कलेक्टर श्री कुमार ने कहा गोठान में गायों के लिए प्रतिदिन पैरा की व्यवस्था हो सके इसके लिए किसानों के सहयोग से अधिक से अधिक पैरादान कराये जाने में सहयोग लिया जाएगा। गौरतलब है कि धान की कटाई में हार्वेस्टर के उपयोग के कारण पैरा खेत में ही फैला रहता है, जिसे किसान या तो जला देते हैं, या फिर वह खेत में ही पड़ा रहता, इससे दोनों ही स्थिति में नुकसान पैरा का होता है। ऐसे में अगर किसान इस पैरा को जलाने की बजाय गोठान में गायों के खाने के लिए दान कर दें तो इससे दो फायदे होंगे, एक तो पर्यावरण प्रदूषित नहीं होगा दूसरा गांव की ही गायों को साल भर के लिए पैरा खाने के लिए उपलब्ध हो जाएगा।
जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी तीर्थराज अग्रवाल ने भी किसानों से अपील की है कि वे स्वेच्छा से गोठान में पैरादान कर इस पुण्य कार्य में अपना सहयोग करें।
जनप्रतिनिधियों का लिया जाएगा सहयोग
गोठानों में साल भर चारा की उपलब्ध रहे इसके लिए गोठान प्रबंधन समिति, सरपंच, जनप्रतिनिधियों के माध्यम से पैरादान करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करते हुए सहयोग लिया जाएगा। किसानों से फसल कटाई के उपरांत उनसे चर्चा की जाएगी। स्ट्रा बेलर मशीन, कल्टीवेटर एवं देशी यंत्रों के सहयोग से खेतों में पड़े पैरा को एकत्रित किए जाने के निर्देश कलेक्टर यशवंत कुमार ने सभी अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने कहा कि अगर खेतों से गोठान तक लाने की कोई व्यवस्था उपलब्ध नहीं होती है तो समिति द्वारा ही परिवहन का कार्य किया जाएगा।
सर्वाधिक पैरादान करने पर किया जाएगा पुरस्कृत
गोठान में गायों के लिए सबसे अधिक पैरादान करने वाले किसानों को विकासखण्ड स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा, इससे एक स्वच्छ स्पर्धा होगी और ग्रामीणों में पशुधन के लिए अधिक से अधिक पैरादान हो सकेगा।
वहीं सर्वाधिक पैरा प्राप्त करने वाले गोठान प्रबंधन समिति को भी पुरस्कृत किया जाएगा। दान में प्राप्त पैरा को सुव्यवस्थित तरीके से एकत्रित करने एवं संरक्षित करने के लिए अस्थायी मचान बनाने एवं बारिश से बचाने के लिए बारदाने से ढकने के निर्देश दिए हैं। पैरा को एकत्रित करके उसको सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी गोठान समिति की होगी।