जिले में इस साल समर्थन मूल्य पर धान बेचने 1,87,077 किसानों ने कराया पंजीयन, धान के पंजीकृत रकबा 2,17,709.927 हेक्टेयर, उपार्जन केन्द्रों में खरीदी के लिए तैयारियां पूरी

जांजगीर-चांपा. छत्तीसगढ़ राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का महापर्व एक दिसम्बर से शुरू होने जा रहा है। जांजगीर-चांपा जिले कलेक्टर श्री यशवंत कुमार के मार्गदर्शन में उपार्जन केन्द्रों में धान खरीदी की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है।
जिले में इस साल धान बेचने के लिए 1,87,077 किसानों ने पंजीयन कराया है, जिनके द्वारा बोये गए धान का रकबा 2,17,709.927 हेक्टेयर से अधिक है। खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में 1,73,511 किसानों का पंजीयन हुआ था। किसान हितैषी नीतियों के चलते जांजगीर-चांपा जिले में किसानों की संख्या में 13,566 का इजाफा हुआ है।
विगत वर्ष 78.66 लाख क्विंटल धान की खरीदी हुई थी। इस वर्ष 80.55 लाख क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। इस साल धान बेचने के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या को देखते हुए समर्थन मूल्य पर बीते वर्ष की तुलना में ज्यादा खरीदी का अनुमान है।
कलेक्टर यशवंत कुमार के मार्गनिर्देशन में जिला प्रशासन द्वारा किसानों की सुविधा के लिए हर संभव व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही है। धान उपार्जन केन्द्रों में किसानों की सहुलियत को लेकर सभी व्यवस्थाएं की जा रही है। विगत दिनों कलेक्टर एवं एसपी श्रीमती पारूल माथुन ने विभिन्न उपार्जन केन्द्रों की तैयारी का जायजा लेकर तैयारी के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए थे।
तौल मशीन, आद्रता मापी, कम्प्यूटर, इंटरनेट आदि को व्यवस्थित करनें, हमाल व्यवस्था, सुरक्षा संबंधी आवश्यकता तैयारियां पूर्ण करने कहा गया है। राज्य शासन के निर्देशानुसार खरीदे गए धान की स्टेकिंग, उठाव के लिए भी निर्देश दिए गए हैं।
प्रथम दिन धान विक्रय के लिए 155 किसानों ने लिया टोकन-
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के नोडल अधिकारी श्री सुशील चन्द्राकर ने बताया कि जिले में सहकारी केन्द्रीय बैक की कुल 18 शाखाएं संचालित है। जिले में कुल 196 सहकारी समितियों के माध्यम से 230 उपार्जन केन्द्रों से धान खरीदी की जाएगी। धान खरीदी के प्रथम दिन 26 उपार्जन केन्द्रो से 155 किसानों को टोकन जारी किया गया है। जिनसे करीब 7,390 क्विंटल धान की खरीदी का अनुुमान है। नवगठित समिति में भी आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी गयी है।
खुशहाली का एक नया दौर शुरू-
छत्तीसगढ़ में किसानों के हित में लिए गए फैसलों से यहाँ खेती-किसानी और किसानों की खुशहाली का एक नया दौर शुरू हुआ है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सत्ता की बागडोर संभालते ही राज्य के 17 लाख 82 हजार किसनों का लगभग 9 हजार करोड़ रूपए का कृषि ऋण माफ कर किसानों से किए अपने वायदे को पूरा किया। राज्य के 17 लाख से अधिक किसानों पर वर्षों से बकाया 244.18 करोड़ रूपए का सिंचाई कर माफ करने के साथ ही कृषि भूमि के अधिग्रहण पर मुआवजा राशि को दोगुना से बढ़ाकर चार गुना कर दिया गया। राज्य के 5 लाख से अधिक किसानों को निःशुल्क एवं रियायती दर पर बिजली उपलब्ध कराकर सालाना लगभग 900 करोड़ रूपए की राहत दी जा रही है।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना-
छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों को उनका हक और उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए 21 मई 2020 से राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की। इस योजना के तहत जिले के एक लाख 69 हजार 46 लाख किसानों को 538 करोड़ 87 लाख 52 हजाऱ रूपए की चार किश्तों में दी जा रही है। अब तक तीन किस्तों के माध्यम से भुगतान किया जा चुका है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार अंतिम चौथी किस्त का भुगतान शीघ्र किया जाएगा।
नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए सुराजी गांव योजना-
छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए राज्य में सुराजी गांव योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसके तहत राज्य में 6 हजार 430 गौठानों का निर्माण और वहाँ महिला समूह के माध्यम से आय मूलक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
राज्य में गौपालन, गांवों में रोजगार और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 20 जुलाई 2020 को हरेली पर्व के दिन से छत्तीसगढ़ राज्य में गोधन न्याय योजना प्रारंभ की गई। इसके माध्यम से गांव के गौठानों में ग्रामीणों, किसानों और गौपालकों से 2 रुपये किलो में गोबर क्रय किया जा रहा है। ग्रामीणों, किसानों और गौपालको विगत 31 अक्टूबर तक 113 लाख 9 हजार किलोग्राम से अधिक का गोबर की खरीदी और उन्हें 2 करोड 26 लाख 18 हजार रूपए से अधिक का भुगतान किया गया है।



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