मनरेगा में लाखों की गड़बड़ी का मामला, 6 साल बाद फरार आरोपी डाटा एंट्री ऑपरेटर गिरफ्तार, 2014 में तत्कालीन जनपद सीईओ समेत 8 लोगों के खिलाफ हुई थी एफआईआर

जांजगीर-चाम्पा. डभरा थाना क्षेत्र के देवगांव में मनरेगा के कार्य में लाखों रुपये की गड़बड़ी के आरोप में 6 साल से फरार आरोपी डाटा एंट्री ऑपरेटर वीरेंद्र उपाध्याय को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
मामले में तत्कालीन डभरा जनपद सीईओ समेत 4 आरोपी फरार हैं, वहीं प्रकरण में पहले ही 3 आरोपियों की गिरफ्तार हो चुकी है. साल 2014 में पुलिस ने मनरेगा में लाखों की गड़बड़ी उजागर होने के बाद 8 अधिकारी-कर्मचारी और सरपंच के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. पुलिस का कहना है कि फरार 4 आरोपियों की तलाश की जा रही है.

दरअसल, डभरा जनपद क्षेत्र के देवगांव में 2014 में 11 कार्यों के लिए 1 करोड़ 4 लाख की स्वीकृति मनरेगा के तहत हुई थी. फर्जी तरीके से काम कर लाखों की राशि आहरण करने के मामले सामने आने के बाद गड़बड़ी की जांच हुई और फिर जांच में लाखों का घोटाला मिलने पर डभरा थाने में तत्कालीन डभरा जनपद सीईओ एलएन बंजारे, तकनीकी समन्वयक अनुज भार्गव, तकनीकी सहायक विजय सतपथी, सहायक प्रोग्रामर आदित्य कौशिक, डाटा एंट्री आपरेटर वीरेंद्र उपाध्याय, सचिव सागर दास वैष्णव, रोजगार सहायक श्याम दुलारी और सरपंच विमला कश्यप के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 34 के तहत जुर्म दर्ज किया गया था. इसके बाद 3 आरोपी सागर दास, श्याम दुलारी और विजय सतपथी को गिरफ्तार किया गया था. अन्य 5 आरोपी फरार थे.
आज 6 साल से फरार डाटा एंट्री ऑपरेटर वीरेंद्र उपाध्याय को डभरा पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी वीरेंद्र, सक्ती का रहने वाला है. मामले के 4 आरोपी तत्कालीन जनपद सीईओ एलएन बंजारे, अनुज भार्गव, आदित्य कौशिक और विमला कश्यप फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है.



डभरा टीआई डेरहाराम टण्डन ने बताया कि जांच प्रतिवेदन के आधार पर मालखरौदा जनपद के तत्कालीन सीईओ पीआर यदु ने डभरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसके बाद एफआईआर दर्ज कर 8 आरोपियों में से 3 गिरफ्तारी हुई थी. 1 की आज हुई है. मामले में 4 अन्य आरोपी फरार हैं, जिसकी तलाश की जा रही है.

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