जांजगीर-चांपा. पं जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज रायपुर के पल्मोनरी मेडिसीन विशेषज्ञ डाॅ आर के पांडा का कहना है कि कोरोना संक्रमण को रोकने का सबसे आसान उपाय है जैसे ही सर्दी, खांसी, बुखार आदि कोई भी लक्षण दिखें, तत्काल कोरोना की जांच कराएं और स्वयं से कभी सर्दी, खांसी की दवाई न लें।चिकित्सक की सलाह से ही कोई भी दवाई लें। उन्होंने कहा कि लोग अनेकों बार लापरवाही से या डर से भी जांच कराने से बचते हैं, ऐसी प्रवृत्ति घातक साबित होती है।
ऐसे अनेकों प्रकरण राज्य स्तरीय डेथ आडिट रिव्यू में सामने आते हैं, जब स्वयं दवाई कर या अप्रशिक्षित डाक्टरों से इलाज कराने का परिणाम भयावह होता है। रायपुर टाटीबंध की 54 वर्ष की महिला को 31 जनवरी से बुखार कफ की शिकायत थी उन्होंने अधिक ध्यान नही दिया,स्थानीय क्लिनिक से इलाज कराती रहीं और 6 फरवरी को सांस फूलने पर निजी अस्पताल गई जहां उन्हे कोविड टेस्ट की सलाह दी गई और 7 फरवरी को जांच में पाजिटिव पाई गई और उच्च चिकित्सा संस्थान मे भर्ती हुई। उन्हें अन्य कोई बीमारी भी नही थी लेकिन जांच में देर कराने से उनकी हालत पहले ही बिगड़ चुकी थी और हर संभव इलाज के बाद भी 19 फरवरी को उनकी मृत्यु हो गई।
इसी प्रकार जांजगीर-चाम्पा जिले के 63 वर्ष के पुरूष, जिन्हे हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत थी 9 फरवरी से कफ ,बुखार आ रहा था, लेकिन जब 13 फरवरी को सांस फूलने लगी, तब ही अस्पताल में भर्ती हुए और कोरोना पाजिटिव पाए जाने पर इलाज कराया गया, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी 3 फरवरी को उनकी मृत्यु हो गई।
विशेषज्ञ बार -बार कह रहे हैं कि लक्षण दिखने के 24 घंटों के अंदर ही यदि कोरोना जांच कराई जाए तो रिकवरी की संभावनाएं 94 प्रतिशत से अधिक है।