रायपुर. छत्तीसगढ़ में एक अगस्त से बिजली की दरों में बढ़ोतरी हो सकती है। बिजली वितरण कंपनी के प्रस्ताव के आधार पर इस महीने नियामक आयोग फिर से जनसुनवाई करने जा रहा है। नियामक आयोग को भेजे गए प्रस्ताव में वितरण कंपनी को लगभग 4000 करोड़ रुपए के घाटे में होना बताया गया है.
बिजली क्षेत्र के विशेषज्ञों के मुताबिक, अभी दर नहीं बढ़ी, तो आने वाले दिनों बिजली कंपनी को दिवालिया होने से नहीं रोका जा सकेगा. नियामक आयोग के पूर्व सचिव पीएन सिंह के मुताबिक, बिजली की लागत लगभग 5.90 रुपए प्रति यूनिट पड़ रही है.
लेकिन कंपनी अपने उपभोक्ताओं को इससे भी कम दाम पर बिजली दे रही है. छत्तीसगढ़ बिजली अभियंता महासंघ के सचिव अरुण देवांगन के मुताबिक छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी को घाटे से उबारने के लिए बिजली की दरों में बढ़ोतरी बहुत जरुरी हो गई है. अब देखना ये है कि नियामक आयोग जनसुनवाई के बाद बिजली की दरों में बढ़ोतरी को मंजूरी देता है कि नहीं.