CG BIG NEWS : ‘परिवार में शासकीय सेवक हैं तो भी अनुकंपा नियुक्ति से नहीं किया जा सकता वंचित’, दिवंगत शिक्षक के बेटे की याचिका पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

बिलासपुर. अनुकंपा नियु्क्ति को लेकर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। परिवार में शासकीय सेवा में रहने के बावजूद अनुकंपा नियुक्ति दिया जा सकता है। हाईकोर्ट ने इस मामले कहा है कि परिवार में शासकीय सेवक हैं तो भी अनुकंपा नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता। ये फैसला बिलासपुर हाईकोर्ट ने दिवंगत प्रधान पाठक के पुत्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
इस मामले में हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव, रायगढ़ डीईओ और तमनार बीईओ को 90 दिनों के भीतर पुनः जांच कर याचिकाकर्ता के अनुकम्पा नियुक्ति के आवेदन के सम्बन्ध में नया आदेश जारी करने के निर्देश दिए हैं।
रायगढ़ जिले के तमनार विकासखंड के ग्राम झरियापाली निवासी नरेंद्र साहू ने अपने वकील अनादि शर्मा के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि उनके पिता जगदीश साहू प्रधान पाठक के पद पर शासकीय माध्यमिक शाला रेंगालबहरी में पदस्थ थे। कार्य के दौरान 20 दिसंबर 2020 को उनका निधन हो गया। इस पर उनके बेटे नरेंद्र साहू ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए विभाग में आवेदन प्रस्तुत किया। उनके आवेदन को जिला शिक्षा अधिकारी ने यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि उनके भाई शासकीय सेवा में है। जिला शिक्षा अधिकारी के इस निर्णय को उन्होंने अधिवक्ता अनादि शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी।
इसमें बताया गया कि याचिकाकर्ता दो भाई व एक बहन हैं, सभी विवाहित हैं। उसका भाई आरईओ के पद पर पदस्थ है, जो अपने परिवार के साथ उनसे अलग रहता है, जबकि याचिकाकर्ता अपनी मां, दादा, पत्नी और बच्चे के साथ अलग रहता है। शासकीय सेवक भाई द्वारा यााचिकाकर्ता के परिवार को कोई आर्थिक सहायता नहीं दी जाती है।
पिता के निधन के समय व पूर्व से याचिकाकर्ता पूरी तरह अपने पिता पर ही आश्रित थे, लेकिन तमनार ब्लॉक शिक्षाधिकारी और रायगढ़ जिला शिक्षाधिकारी ने आवेदक के आवेदन को बिना जांच पड़ताल के सिर्फ भाई के शासकीय सेवा में होने को आधार मानकर आवेदन पत्र निरस्त कर दिया। इस मामले की सुनवाई जस्टिस पी सैम कोशी की सिंगल बेंच में हुई।



इसे भी पढ़े -  Janjgir Big News : जुआ खेलते 6 पटवारी समेत 8 जुआरी गिरफ्तार, जुआरियों में पटवारी संघ के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष शामिल, पकड़े गए जुआरियों में जांजगीर, कोरबा, बिलासपुर और सक्ती जिले के हैं पटवारी...

error: Content is protected !!