छत्तीसगढ़ की 36 भाजियों को संरक्षित करने वाले दीनदयाल यादव को दिल्ली में मिला जीनोम पुरुष्कार, भारत के सभी राज्यों के चयनित किसान हुए शामिल, छत्तीसगढ़ से चार किसानों का हुआ था चयन

जांजगीर चाम्पा. छत्तीसगढ़ के 36 भाजियों को भाजियों को संरक्षित करने वाले चाम्पा शहर से लगे एक छोटे से गांव बहेराडीह के 42 वर्षीय किसान दीनदयाल यादव को जंगली भिंडी, जंगली मिर्च और जंगली धान के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के अनुवाशिंकी विभाग के प्रधान वैज्ञानिक डॉ दीपक शर्मा के अनुशंसा पर पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण ,कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पादप जीनोम संरक्षक पुरुस्कार के लिए चयनित किया था। जिसे आज 11 नवम्बर को प्राधिकरण दिवस के अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के द्वारा शील्ड प्रसस्ति पत्र और डेढ़ लाख रुपये की धनराशि से सम्मानित किया गया।
इस मौके पर छत्तीसगढ़ राज्य इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर अनुवांशिकी विभाग के प्रधान वैज्ञानिक डॉ दीपक शर्मा और जिले में किसानों के लिए काम करने वाले सामाजिक संगठन रेस्टोरेशन फाउंडेशन के सीईओ जे बसवराज विशेष रूप से उपस्थित रहे। पादप जीनोम संरक्षक पुरस्कार से सम्मानित जिले के प्रगतिशील किसान दीनदयाल यादव ने बताया कि पांच साल पहले उन्होंने खेत के मेढ़ या टिकरा में बरसात के समय उगने वाली जंगली भिंडी अर्थात बनरमकेलिया समेत बरसात के दिनों में तालाब या सड़क किनारे स्वतः उगने वाली धान जिसे पसहर के नाम से जाना जाता है और अलग अलग तरह की तीखी मिर्च का संरक्षण और संवर्धन का काम सालों से कर रहे हैं।
इन सभी का जानकारी भारत सरकार के द्वारा निर्धारित प्रपत्र में भरकर राज्य सरकार के माध्यम से भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार को अवगत कराया। जिसे केंद्रीय स्तर पर गठित समिति ने जांच पड़ताल के बाद पादप जीनोम संरक्षक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया। युवा किसान श्री यादव को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार मिलने पर जिले के किसानों ने हर्ष ब्यक्त किया है।



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