नई दिल्ली. ब्रिटिश उपनिवेश बनने के लगभग 400 साल बाद बारबाडोस दुनिया का सबसे नया गणराज्य बना। कैरेबियाई द्वीप राष्ट्र बारबाडोस ने महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को राज्य के प्रमुख के पद से हटा दिया। इसी के साथ डेम सैंड्रा प्रुनेला मेसन बारबाडोस की प्रथम राष्ट्रपति बनाई गई हैं। मेसन को अक्टूबर 2021 में बारबाडोस कि संसद के दोनों सदनों में देश के पहले राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था। उनके नाम की घोषणा हाउस आफ असेंबली के स्पीकर आर्थर होल्डर ने की थी।
1- इसके साथ बारबाडोस 54वां कामनवेल्थ देशों में शामिल हो गया। अब यहां ब्रिटेन की महारानी का शासन समाप्त हो चुका है। वर्ष 2018 से अब तक ब्रिटेन की रायल फैमिली के प्रतिनिधि के तौर पर गवर्नर जनरल रहीं सांद्रा मेसन की जगह अब मिया अमोर मोटली प्रधानमंत्री चुनी गईं। देश का अपना राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान लागू किया गया।
2- बारबाडोस की आबादी करीब 2 लाख 85 हजार है। यहां करीब 200 साल तक गुलाम प्रथा रही। बारबाडोस से पहले गुयाना (1970) और त्रिनिडेड और टोबैगो (1976) ब्रिटिश गुलामी से मुक्त हुए थे। दो साल बाद 1978 में डोमिनिका भी रिपब्लिक बना।
अटलांटिक महासागर के पश्चिमी हिस्से में कैरेबियाई द्वीप पर स्थित इस देश को अंग्रेजों ने अफ्रीका और भारत से गन्ना उत्पादन के लिए लाए गए गुलामों की मदद से आबाद किया गया था। महज 430 वर्ग किमी में फैले इस द्वीप के आस-पास के देशों में पश्चिम में सेंट विंसेंट व द ग्रेनाजिनस और सेंट लुसिया और दक्षिण में त्रिनिदाद और टोबैगो शामिल हैं।
3- इस देश में बड़ी संख्या में हिंदू आबादी निवास करती है। यहां वर्षों पहले भारत से ले जाए गए मजदूरों के परिवार आबाद हैं और वही आज नए बारबाडोस का निर्माण कर रहे हैं।
उष्णकटिबंधीय जलवायु वाले इस देश में प्रशांत महासागर में चलने वाली हवाएं वातावरण को शीतल बनाए रखती हैं। सामाजिक और राजनीतिक सुधारों की धीमी शुरुआत के बावजूद आज मानव विकास सूची में यह देश बेहतर स्थान रखता है। बारबाडियन डालर यहां की आधिकारिक मुद्रा है। ईस्टर्न कैरीबियन समय मंडल में स्थित यह देश मानव विकास सूचकांक में 58वें नंबर पर है।