IPC Section 18: जानिए, क्या है आईपीसी की धारा 18?

भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) यानी IPC में 23 अध्याय (23 Chapter) और उनमें 511 धाराएं (511 Sections) मौजूद हैं. जो अपराध (Crime) और सजा (Punishment) के अलावा कई महत्वपूर्ण शब्दों (words) को भी परिभाषित करती हैं. ऐसी ही आईपीसी की धारा 18 है, जिसका संबंध देश से है. उसी के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं कि आईपीसी (IPC) की धारा 18 (Section 18) क्या है?



ये है आईपीसी की धारा 18 (IPC Section 18)
भारतीय दंड संहिता यानी Indian Penal Code की धारा 18 (Section 18) के अनुसार, भारत से जम्मू-कश्मीर राज्य के सिवाय भारत का राज्यक्षेत्र अभिप्रेत है.

साधारण भाषा में कहें तो आईपीसी की धारा 18 भारत को परिभाषित करती है, मतलब ये है कि आईपीसी के मुताबिक भारत क्या है, अगस्त 2019 से पहले भारत का मतलब था, जम्मू-कश्मीर राज्य को छोड़कर भारत. लेकिन अब इस सेक्शन का मतलब हो गया है जम्मू कश्मीर व अन्य राज्यों समेत पूरा भारत. आपको याद दिला दें कि अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद सेक्शन 18 का मतलब ही बदल गया है.

इसे भी पढ़े -  Chandrapur News : किरारी गांव में विधानसभा स्तरीय 'आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान' कार्यक्रम आयोजित, स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने पर जोर, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, भाजपा जिलाध्यक्ष, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, जिला संयोजक सहित अन्य भाजपा नेता रहे मौजूद

ये होती है आईपीसी (IPC)
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक द्वारा किए गए कुछ अपराधों की परिभाषा और दंड का प्रावधान करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.

इसे भी पढ़े -  Sakti News : मिरौनी गांव में जिला स्तरीय पशुधन एवं कुक्कुट प्रदर्शनी कार्यक्रम आयोजित, सांसद कमलेश जांगड़े, मालखरौदा जनपद पंचायत अध्यक्ष कवि वर्मा और उपाध्यक्ष रितेश साहू रहे मौजूद, उत्कृष्ट पशुओं के पशु पालकों को किया गया सम्मानित

अंग्रेजों ने लागू की थी IPC
ब्रिटिश कालीन भारत के पहले कानून आयोग की सिफारिश पर आईपीसी (IPC) 1860 में अस्तित्व में आई इसके बाद इसे भारतीय दंड संहिता के तौर पर 1862 में लागू किया गया था. मौजूदा दंड संहिता को हम सभी भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जानते हैं. इसका खाका लॉर्ड मेकाले ने तैयार किया था. बाद में समय-समय पर इसमें कई तरह के बदलाव किए जाते रहे हैं.

इसे भी पढ़े -  Sakti News : मालखरौदा के जपं उपाध्यक्ष रितेश साहू ने 10 लाख के लागत से सीसी रोड निर्माण कार्य का किया भूमिपूजन, लोगों को धूल-मिट्टी और कीचड़ युक्त सड़क से मिलेगी मुक्ति, स्थानीय लोगों ने सीसी रोड निर्माण के लिए जपं उपाध्यक्ष का जताया आभार

error: Content is protected !!