देश की सत्ता पर आसीन भारतीय जनता पार्टी बुधवार को अपना 42वां स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर पार्टी देशभर में विशेष कार्यक्रम करने जा रही है। जगह-जगह रैलियां और सभाएं होंगी। सुबह दस बजे राष्ट्रीय कार्यालय से लेकर ब्लाक स्तर तक सभी जगह ध्वजारोहण होगा। इसके साथ शोभायात्रा भी निकाली जाएंगी। सभी सांसद और प्रतिनिधि भगवा टोपी पहनकर कार्यक्रम में शामिल होंगे। कार्यक्रमों में दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमाओं पर पुष्पार्पण होगा।
सभी कार्यक्रमों में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को अनिवार्य रूप से मौजूद रहने के निर्देश दिए गए हैं।
पीएम मोदी सुबह दस बजे ध्वजारोहण के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं, मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को संबोधित करेंगे। पार्टी महासचिव अरुण सिंह के मुताबिक भाजपा सात अप्रैल से 20 अप्रैल तक देश भर में सामाजिक न्याय के मुद्दे पर कार्यक्रम आयोजित करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी के स्थापना दिवस से एक दिन पहले मंगलवार को पार्टी के सांसदों से आग्रह किया कि वह सेवा व समर्पण भाव के साथ जनता के बीच जाकर काम करें और केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण तथा महत्वाकांक्षी योजनाओं का प्रचार प्रसार करें।
प्रधानमंत्री ने आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में हुई भाजपा संसदीय दल की बैठक में यह बात कही।भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को नई दिल्ली में अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी ने की थी। इसके पहले ये नेता भारतीय जनसंघ और बाद में जनता पार्टी में थे। 1980 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को सिर्फ दो सीटों पर सफलता हासिल हुई थी और आज यह 301 सांसदों के साथ देश की केंद्रीय सत्ता पर विराजमान सबसे बड़ी पार्टी बन गई है।
भारतीय जनता पार्टी संसद में प्रतिनिधित्व के मामले में और सदस्यता के मामले में देश में सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। 1980 के दशक की शुरुआत में अपनी स्थापना के बाद से भाजपा ने एक लंबा सफर तय किया है। कई बाधाओं और विफलताओं को पार करते हुए भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में पार्टी ने एक मजबूत मुकाम बनाया है, और लंबे समय तक भारत की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नीतियों को चलाने वाले वैचारिक ढांचे को उलट दिया है।
भाजपा का गठन भले ही 6 अप्रैल, 1980 को हुआ था, लेकिन इसकी वैचारिक उत्पत्ति 1951 से हो गई थी। जब कांग्रेस के राजनेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने नेहरू के नेतृत्व से अलग होकर भारतीय जनसंघ (BJS) का गठन किया था। कांग्रेस पार्टी की राजनीतिक प्रथाओं के विरोध में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सहयोग से पार्टी गठित की गई थी।
भाजपा का जनादेश हिंदू पहचान और संस्कृति का संरक्षण था। यह ऐसे समय में स्थापित हुई थी, जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस व्यावहारिक रूप से भारतीय राजनीति का चेहरा थी, तब से बीजेएस अपने शुरुआती वर्षों में मुश्किल से ही सफल हो पाई थी। 1952 के आम चुनावों में, BJS केवल 3 लोकसभा सीटें जीत सकी थी।